
उत्तर प्रदेश में ‘यूपी-एग्रीज’ और ‘एआई प्रज्ञा’ कार्यक्रमों का शुभारंभ, कृषि और तकनीक में आएगा क्रांतिकारी बदलाव
उत्तर प्रदेश में ‘यूपी-एग्रीज’ और ‘एआई प्रज्ञा’ कार्यक्रमों का शुभारंभ, कृषि और तकनीक में आएगा क्रांतिकारी बदलाव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष अजय बंगा की उपस्थिति में ‘यूपी-एग्रीज’ और ‘एआई प्रज्ञा’ कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। इन दोनों परियोजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार कृषि और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की तैयारी में है।‘यूपी-एग्रीज’ परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से पूर्वांचल और बुंदेलखंड के किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से लैस करने का प्रयास है। यह 4,000 करोड़ रुपये की परियोजना है, जिसमें से 2,737 करोड़ रुपये का ऋण विश्व बैंक द्वारा छह वर्षों के लिए उपलब्ध कराया गया है। राज्य सरकार इस परियोजना में 1,166 करोड़ रुपये की भागीदारी निभाएगी। इस परियोजना का उद्देश्य 10 लाख किसानों को सीधे लाभ पहुंचाना है, जिसमें 30 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की होगी। इसके तहत 10 हजार महिला उत्पादक समूहों को जोड़ा जाएगा और 500 किसानों को विदेश भेजकर उन्हें अत्याधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह योजना पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 और बुंदेलखंड के 7 जनपदों में लागू की जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना किसानों की आय बढ़ाने और क्षेत्रीय विषमताएं समाप्त करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने यूपी-एग्रीज में सहयोग के लिए विश्व बैंक का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बैंक प्रदेश के विकास में हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, चाहे वह पर्यावरण संरक्षण हो, पर्यटन का संवर्धन हो या अवस्थापना विकास।कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ‘एआई प्रज्ञा’ योजना का भी शुभारंभ किया गया। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश को भारत के एआई हब के रूप में स्थापित करना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रारंभिक चरण में 10 लाख युवाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, राजस्व और प्रशासन जैसे विभागों के सहयोग से संचालित होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगी, बल्कि प्रदेश में स्टार्टअप कल्चर और तकनीकी दक्षता को भी बढ़ावा देगी। उन्होंने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, एचसीएल, वाधवानी फाउंडेशन, अमेजन, गूगल और 1-एम 1-बी जैसी वैश्विक कंपनियां राज्य सरकार के साथ मिलकर इस अपस्किलिंग प्रोग्राम को आगे बढ़ाएंगी।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार जल्द ही छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध कराने के लिए सीएम पोषण मिशन शुरू करेगी। इस योजना को इंडोनेशिया में संचालित एक सफल मॉडल के आधार पर तैयार किया जा रहा है, जिसके अध्ययन के लिए एक विशेष टीम वहां भेजी जाएगी।कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इस मौके पर वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, विश्व बैंक के उपाध्यक्ष आगस्ते तानो कौमे, कंट्री डायरेक्टर (इंडिया) जॉन और मार्क सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
