
भारत पर्व 2025 में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक झलक बिखेर रहा पर्यटन एवं संस्कृति विभाग
लखनऊ: सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के एकता नगर में 1 से 15 नवंबर तक आयोजित भारत पर्व 2025 में उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग अपनी प्रभावशाली उपस्थिति से देशभर का ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस भव्य आयोजन में उत्तर प्रदेश अपनी अमूल्य सांस्कृतिक विरासत, लोक-परंपराओं और पर्यटन विविधता को एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ प्रस्तुत कर रहा है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।मंत्री ने बताया कि भारत पर्व 2025 में उत्तर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति, लोक-कला, संगीत और पारंपरिक व्यंजनों का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। पर्यटन विभाग के स्टॉल पर आगंतुकों को राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों की सचित्र जानकारी दी जा रही है, जो राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक विविधता और सामूहिक गौरव का संदेश दे रही है।भारत पर्व हर साल आयोजित होने वाला एक वार्षिक आयोजन है, जिसमें देश के सभी राज्य अपनी सांस्कृतिक विरासत, कला और खानपान परंपरा को प्रदर्शित करते हैं। इस वर्ष यह पर्व स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में हो रहा है, जहां उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की सरकारों के प्रतिनिधि, लोकप्रिय कलाकार, कारीगर और विशिष्ट अतिथि 15 दिवसीय उत्सव के दौरान अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहे हैं।आगामी दिनों में भारत पर्व के मंच पर उत्तर प्रदेश अपनी अद्भुत सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश करेगा। प्रदेश के विभिन्न अंचलों के कलाकार ब्रज की रसधारा, अवध की विरासत, बुंदेलखंड की वीरता और पूर्वांचल की लोकधुनों के रंगों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। पाई डंडा, चरकुला, फरुवाही, थारू, बधावा और ढेढ़िया जैसे पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुतियां ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को सजीव रूप देंगी।मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश से भेजे गए 12 विधाओं के 72 कलाकार पारंपरिक और शास्त्रीय कलाओं की प्रस्तुति देंगे। इन प्रस्तुतियों में शहनाई, शंख, डमरू, कथक, मयूर और राई नृत्य जैसी विविध विधाएं शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के कलाकार 12 नवंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।भारत पर्व में हस्तशिल्प, फूड स्टॉल, कठपुतली शो, स्टूडियो किचन और थीम पेविलियन जैसी आकर्षक गतिविधियां भी दर्शकों का मन मोह रही हैं। उत्तर प्रदेश का स्टॉल अयोध्या के श्रीराम मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम, मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, दीपोत्सव, देव दीपावली और रंगोत्सव जैसे आयोजनों की भव्यता को प्रदर्शित कर रहा है। साथ ही ईको-टूरिज्म और ग्रामीण पर्यटन की जानकारी भी आगंतुकों को उपलब्ध कराई जा रही है।
