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इंडिगो की लापरवाही से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की हुई फज़ीहत!

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इंडिगो की लापरवाही से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की हुई फज़ीहत!

इंडिया Live: दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 की ठंडी सुबह अचानक एक गर्मागर्म विवाद में बदल गई, जब इंडिगो एयरलाइंस की कई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स या तो घंटों लेट हो गईं या बिना किसी पूर्व सूचना के रद्द कर दी गईं। सबसे ज़्यादा परेशानी उन विदेशी यात्रियों को हुई जो भारत घूमने आए थे और अब एयरपोर्ट के फर्श पर सामान के ऊपर सिर टिकाकर इंतज़ार करने को मजबूर थे।

टर्मिनल की भीड़ में कहीं रोते हुए बच्चे दिखे, तो कहीं अपने देश में संपर्क करने के लिए वाई-फाई खोजते बुज़ुर्ग पर्यटक। एयरलाइन काउंटर पर लगी लंबी कतार इस बात का सबूत थी कि यात्रियों को अब भी स्थिति की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।

हमें कहा गया – दो घंटे, फिर चार घंटे, अब पता नहीं कब उड़ान होगी!

फ्रांस से आई सैलानी *एमिली डुवाल* इस हालात से बेहद परेशान दिखीं। उन्होंने बताया,
“हम इंडिया घूमने आए थे, लेकिन एयरपोर्ट पर 18 घंटे से फंसे हैं। इंडिगो की टीम कहती है – ‘बस थोड़ी देर में बतातें हैं’। लेकिन कोई नहीं आता। यह अनुभव हमारे लिए बहुत बुरा है।”

ऐसी ही समस्या जापान, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया से आए कई पर्यटकों ने भी बताई। कुछ यात्रियों के पास होटल बुकिंग थी, जो एयरलाइन की देरी की वजह से बेकार चली गई। कई लोगों का कहना था कि उन्हें खाना-पीना भी एयरलाइन की तरफ से ठीक तरह से नहीं दिया गया।

काउंटर पर अफरा-तफरी, कर्मचारी बेक़ाबू भीड़ में घिरे

इंडिगो के काउंटर पर तैनात कर्मचारियों पर यात्रियों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था। कई लोग गुस्से में चिल्लाते दिखे कि उन्हें फ्लाइट के बारे में कोई साफ जानकारी नहीं दी जा रही है।
किसी ने कहा,
“अगर तकनीकी दिक्कत थी तो पहले बताया क्यों नहीं? हमें एयरपोर्ट आने से पहले मैसेज क्यों नहीं मिला?”

कुछ कर्मचारियों ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन अंदरखाने चर्चाएं थीं कि अचानक स्टाफ की कमी और शेड्यूलिंग गड़बड़ियों की वजह से कई फ्लाइट्स बेपटरी हो गईं।

भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर?

एयरपोर्ट पर मौजूद एक वरिष्ठ विमानन विशेषज्ञ ने कहा कि इस तरह की घटनाएं भारत की एविएशन सर्विसेज़ पर सवाल खड़ा करती हैं।
“जब अंतरराष्ट्रीय यात्री पहली बार भारत आते हैं और उन्हें इस तरह की अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है, तो इसकी छवि बाहर तक जाती है। दुनिया भर में एयरलाइंस यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती हैं। ऐसे हालात भारत के लिए सही संदेश नहीं देते।”

सोशल मीडिया पर भी कई वीडियो वायरल हो चुके हैं जिनमें विदेशी यात्री एयरलाइन के खिलाफ शिकायत करते दिख रहे हैं। कुछ पोस्ट्स में लिखा गया – “India is beautiful, but Indigo ruined the experience.”
इन पोस्ट्स को हजारों बार शेयर किया गया है, जिससे भारत की पर्यटन छवि को नुकसान पहुंचता दिख रहा है।

‘हम helpless हैं’ – ज़मीन पर काम करने वाले स्टाफ का दर्द*

एक ग्राउंड स्टाफ कर्मचारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया,
“हम भी बस सीनियरों से अपडेट का इंतज़ार करते रहते हैं। जब तक ऊपर से बताओ नहीं मिलती, हम यात्रियों को क्या बताएं? गुस्सा हम पर निकलता है, जबकि गड़बड़ी कहीं और की होती है।”

स्टाफ ने यह भी स्वीकारा कि इंडिगो के बढ़ते रूट नेटवर्क और कम स्टाफ के कारण संचालन लगातार दबाव में है।

घंटों की देरी के बाद भी समाधान नहीं

शाम होते-होते कई यात्रियों ने मजबूरी में दूसरे एयरलाइंस से टिकट खरीद लिए। कुछ तो इतने परेशान हो चुके थे कि भारत में अपनी बाकी यात्रा रद्द कर वापस लौटने का फैसला कर लिया।

वहीं, इंडिगो की तरफ से सिर्फ एक संक्षिप्त बयान आया—

> “तकनीकी और ऑपरेशनल कारणों से फ्लाइट शेड्यूल प्रभावित हुआ है। हम स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं।”

लेकिन यात्रियों ने इसे ‘रूटीन बहाना’ बताते हुए एयरलाइन पर और सवाल उठाए।

निष्कर्ष: बेहतर सेवा की सख्त ज़रूरत

भारत का एविएशन सेक्टर दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती इंडस्ट्री में से एक है। करोड़ों विदेशी यात्री हर साल भारत आते हैं, और उनकी पहली छाप अक्सर एयरपोर्ट और एयरलाइंस ही बनाती हैं।
इंडिगो, जो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है, उससे यात्रियों की उम्मीदें भी सबसे ज़्यादा हैं। लेकिन इस तरह की अव्यवस्था न केवल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्रभावित करती है, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय साख पर भी बड़ा असर डालती है।

इस ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान महसूस हुआ कि यात्रियों के लिए सबसे बड़ी समस्या *सूचना की कमी* है। अगर एयरलाइन पारदर्शी तरीके से समय-समय पर अपडेट देती, तो गुस्सा और अव्यवस्था दोनों कम हो सकते थे।

भारत को अपनी विमानन सेवाओं को वैश्विक मानकों पर लाने के लिए अब और गंभीर कदम उठाने होंगे, ताकि देश की पर्यटन और अंतरराष्ट्रीय पहचान किसी एयरलाइन की गड़बड़ियों की वजह से सवालों में न घिरे।

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