
जश्न-ए-मसर्रत के समापन पर हुई देश की तरक्की और खुशहाली की दुआ

लखनऊ : 1968 में स्थापित किए गए संस्था तनज़ीमुल मक़ातिब के स्थापना दिवस एवं चौथे इमाम हज़रत ज़ैनुल आबेदीन की यौमे विलादत के अवसर पर ठाकुरगंज स्थित नैपियर प्लाजा में जश्न ए मसर्रत का आयोजन दूसरे दिन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पवित्र क़ुरान की तिलावत से किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर रज़ा अब्बास थे। कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के तौर पर आए मौलाना रज़ा कार्यक्रम का संचालन मौलाना एजाज़ रिज़वी ने किया। जलसे में बोलते हुए तनज़ीमुल मक़ातिब के सचिव मौलाना सय्यद सफ़ी हैदर ने दीनी और दुनियावी तालीम पर ज़ोर देते हुए शिक्षा का महत्व बताया। जश्न-ए-मसर्रत के दूसरे दिन रविवार को ई मख्तब आन लाइन शिक्षा, इमामिया स्टडी सेंटर के उद्घाटन के अलावा मौलाना गुलाम असकरी रोजगार योजना का शुभारंभ किया गया

इस योजना के अंतर्गत मदरसे की तरफ से गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाले लोगो को रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी। जश्न-ए-मसर्रत के आज दूसरे दिन मखतबे इमामिया दिल्ली की पांचवी की छात्रा आतिया ज़हरा ने तालीम के फायदे बताए इसके अलावा तंज़ीमुल मक़ातिब मित्ताई बाराबंकी के बच्चों ने अपने मासूम अंदाज़ में कलाम पेश करते हुए ज़िंदगी मे शिक्षा की अहमियत को बताया। तंज़ीमुल मक़ातिब के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित जश्न-ए-मसर्रत में कोविड 19 गाईड लाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए जलसे में आने वाले अतिथियों के हाथों को सेनेटाइज़ करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया गया। जलसे के अंत मे मुल्क की तरक्की और खुशहाली के लिए दुआएँ भी मांगी गई।