diwali horizontal

नगर निगम लखनऊ की बड़ी कार्रवाई: 40 हजार वर्गफुट सरकारी भूमि अतिक्रमण से मुक्त, बनेगा एनिमल केयर सेंटर

0 42
नगर निगम लखनऊ की बड़ी कार्रवाई: 40 हजार वर्गफुट सरकारी भूमि अतिक्रमण से मुक्त, बनेगा एनिमल केयर सेंटर
लखनऊ: नगर निगम लखनऊ ने सोमवार को सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाने के लिए एक बड़ी कार्रवाई की। नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देशन और अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में गठित विशेष टीम ने ग्राम भैसोरा, तहसील सदर क्षेत्र में अभियान चलाकर लगभग 40,000 वर्गफुट भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया।यह कार्रवाई नगर निगम की संपत्ति शाखा, राजस्व विभाग और अभियंत्रण शाखा के संयुक्त सहयोग से की गई। प्रभारी अधिकारी संपत्ति रामेश्वर प्रसाद और तहसीलदार अरविंद पांडे के निर्देशन में नायब तहसीलदार तेजस्वी प्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में टीम ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी मशीन की सहायता से टीनशेड, अस्थायी ढांचे और अन्य अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया। राजस्व निरीक्षक प्रदीप गिरी, लेखपाल सुभाष कौशल और शक्ति वर्मा भी टीम के साथ मौजूद रहे।अभियान के दौरान ग्राम भैसोरा की खसरा संख्या 282 (0.172 हेक्टेयर) और 283 (0.250 हेक्टेयर) की भूमि, जो राजस्व अभिलेखों में नवीन परती और बंजर के रूप में दर्ज थी, को मुक्त कराया गया। यह भूमि लंबे समय से अस्थायी रूप से कब्जाई गई थी। कार्रवाई के दौरान कुछ स्थानीय लोगों द्वारा प्रारंभिक विरोध भी किया गया, लेकिन प्रशासन की तत्परता और समझाइश से स्थिति शीघ्र नियंत्रण में आ गई।
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, अतिक्रमणमुक्त कराई गई भूमि पर जल्द ही एनिमल केयर सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस सेंटर के माध्यम से आवारा और बीमार पशुओं के उपचार, संरक्षण एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। यह परियोजना नगर निगम की प्राथमिक योजनाओं में शामिल है, जिसका उद्देश्य पशु कल्याण के साथ-साथ शहरी स्वच्छता और सार्वजनिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना है।नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना नगर निगम की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। उन्होंने कहा, “सरकारी संपत्ति पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नगर निगम की टीमें निरंतर ऐसे स्थलों की पहचान कर रही हैं और आवश्यकतानुसार सख्त कार्रवाई कर रही हैं।”नगर निगम के अनुसार, मुक्त कराई गई भूमि की अनुमानित बाजार कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये है। यह कार्रवाई न केवल सरकारी संपत्ति की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि आगामी विकास परियोजनाओं के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.