
स्कूल बंद करने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची, संजय सिंह बोले— यह संविधान और गरीबों के अधिकारों पर हमला है
स्कूल बंद करने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची, संजय सिंह बोले— यह संविधान और गरीबों के अधिकारों पर हमला है
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने और उन्हें तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित अन्य विद्यालयों में विलय करने के फैसले को लेकर आम आदमी पार्टी ने तीव्र विरोध जताया है। इसी क्रम में पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस निर्णय को चुनौती दी है। यह याचिका अधिवक्ता श्रीराम परक्कट और फारुख खान के माध्यम से दाखिल की गई है, जिसमें 16 जून 2025 को सरकार द्वारा जारी आदेश और 24 जून को प्रकाशित उस सूची को रद्द करने की मांग की गई है, जिसमें कम नामांकन वाले विद्यालयों की पहचान कर उन्हें बंद करने की बात कही गई थी।सांसद संजय सिंह ने इस निर्णय को “असंवैधानिक, मनमाना और बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन” करार दिया है। उनका कहना है कि सरकार का यह फैसला न केवल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21A के विपरीत है, बल्कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE Act) की आत्मा के भी खिलाफ़ है। संजय सिंह ने दलील दी है कि जब स्कूल बंद किए जाएंगे तो अब 6 से 14 वर्ष के बच्चों को 3 से 4 किलोमीटर की दूरी तय करके दूसरे विद्यालयों में जाना होगा। यह यात्रा न केवल बच्चों के लिए कठिन है, बल्कि खतरनाक भी हो सकती है, क्योंकि कई स्थानों पर इन स्कूलों तक पहुँचने के रास्ते में जंगल, रेलवे ट्रैक, व्यस्त हाईवे और अन्य जोखिम भरे मार्ग शामिल हैं। ऐसे में यह फैसला व्यवहारिक नहीं बल्कि जानलेवा है।याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 6 के अनुसार, जहां 300 की आबादी हो, वहां एक किलोमीटर के भीतर प्राथमिक विद्यालय स्थापित किया जाना अनिवार्य है। बावजूद इसके सरकार ऐसे विद्यालयों को बंद कर रही है जो बस्तियों के भीतर संचालित हो रहे हैं। यह न केवल कानून की अवहेलना है बल्कि बच्चों की पहुँच से शिक्षा को दूर ले जाने का प्रयास भी है। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि इस फैसले से पहले न तो स्कूल प्रबंधन समितियों से कोई राय ली गई और न ही इसे लेकर विधानसभा में कोई बहस या मंजूरी हुई। सरकार ने यह आदेश चुपचाप शैक्षणिक सत्र के मध्य में लागू कर दिया, जिससे हजारों छात्रों और उनके अभिभावकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
संजय सिंह ने चेतावनी दी है कि यह फैसला सबसे अधिक समाज के गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को प्रभावित करेगा। विकलांग बच्चों, बालिकाओं और दूर-दराज़ के इलाकों में रहने वाले परिवारों के लिए यह स्थिति और भी विकट हो गई है। कई अभिभावकों ने बच्चों की सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें दूर के विद्यालयों में भेजने से इनकार कर दिया है, जहां अब स्कूल किसी नदी, जंगल या व्यस्त सड़क के पार स्थित हैं।आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने यह भी आरोप लगाया कि योगी सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता, आधारभूत ढांचे और संसाधनों की आपूर्ति में जानबूझकर कोताही बरत रही है, जिससे नामांकन घटे। अब उसी गिरती संख्या को आधार बनाकर विद्यालयों को बंद करने का तर्क गढ़ा जा रहा है। संजय सिंह ने इसे “सरकारी नाकामी का बोझ बच्चों और गरीब परिवारों पर डालने का प्रयास” बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और बच्चों के भविष्य के लिए सड़क से लेकर संसद और सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष करेगी।उन्होंने यह भी साफ किया कि जब तक उत्तर प्रदेश सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती, पार्टी का आंदोलन जारी रहेगा। उनका कहना है कि यह सिर्फ स्कूल बंद करने का मुद्दा नहीं है, बल्कि करोड़ों बच्चों के शिक्षा के अधिकार, जीवन की सुरक्षा और भविष्य को सुरक्षित रखने की लड़ाई है।
