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फिरोजाबाद में पकड़ा गया मिलावटी आटा, पत्थर के चूरे से बनाया आटा!

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फिरोजाबाद में पकड़ा गया मिलावटी आटा, पत्थर के चूरे से बनाया आटा!

उत्तर प्रदेश Live:उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में खाद्य सुरक्षा विभाग (FDA) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने शहर में एक आटा मिल पर छापा मारा, जहां जांच में पाया गया कि फैक्ट्री में मिलाए जा रहे आटे में सफेद पाउडर — पत्थर का चूरा या अन्य मिलावटी पदार्थ — मिलाया जा रहा था। अधिकारियों ने लगभग 20 लाख रुपये मूल्य का नकली आटा जब्त किया और फैक्ट्री को सील कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का मिलावटी आटा दिखने में सामान्य गेहूं का आटा जैसा लगता है, लेकिन खाने में यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि मिलावटी आटे का इस्तेमाल लंबे समय तक करने से पेट, पाचन तंत्र, गुर्दे और दांत प्रभावित हो सकते हैं।

इस मामले ने यह सवाल उठाया है कि आम उपभोक्ता नकली और असली आटे में कैसे फर्क करें। विशेषज्ञों के अनुसार, असली आटा आमतौर पर हल्का भूरा रंग का और हल्का खुरदरा होता है। अगर आटा बिलकुल सफेद, बहुत महीन या चमकदार दिखता है, तो उसमें मिलावट होने की संभावना होती है। एक सरल तरीका यह है कि आटे का थोड़ा हिस्सा पानी में घोल कर देखें; अगर कुछ देर में नीचे सफेद या धूसर पर्त जम जाए, तो यह मिलावटी आटे का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, खरीदते समय पैकेजिंग, ब्रांड और लेबल की जांच करना जरूरी है। भरोसेमंद ब्रांड वाले पैकेज पर “100% whole wheat” या “गेहूं आटा” स्पष्ट लिखा होता है, और इसकी पैकेजिंग भी सही और सुरक्षित होती है।

FDA ने इस मामले में चेतावनी दी है कि उपभोक्ताओं को हमेशा सावधान रहना चाहिए और केवल भरोसेमंद स्रोत से ही आटा खरीदना चाहिए। मिलावटी आटा सस्ता हो सकता है, लेकिन इसका स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मिलावटी आटे से होने वाली बीमारियां धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए इसे पहचानना और खरीदने से बचना बेहद जरूरी है। यह मामला यह भी दिखाता है कि केवल दाम कम होने या दिखने में सफेद होने पर किसी भी आटे पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।

अंततः उपभोक्ताओं को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सचेत रहना होगा। घर में छोटे-छोटे तरीके अपनाकर असली और नकली आटे की पहचान की जा सकती है। जैसे आटे का पानी टेस्ट, रंग और गंध की जांच, भरोसेमंद मिल या ब्रांड से ही खरीदारी करना और जरूरत पड़ने पर खुद पीसकर आटा तैयार करना। फिरोजाबाद का यह मामला हमें याद दिलाता है कि हमारी दैनिक रोटी का आटा सिर्फ खाने का साधन नहीं, बल्कि हमारी सेहत का भी आधार है। इसलिए, हमेशा सतर्क रहना और मिलावटी आटे से दूर रहना ही समझदारी है।

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