
तीन तलाक के दर्द से उभरी नूरजहां बनीं पूनम, धर्म परिवर्तन के बाद शुरू की नई जिंदगी
जिंदगी कई बार ऐसे मोड़ ले आती है, जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। कुछ ऐसी ही कहानी है बरेली की नूरजहां की, जिन्होंने तीन तलाक के गहरे दर्द का सामना करने के बाद अपने जीवन में एक बड़ा और साहसिक निर्णय लिया। उन्होंने धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपनाया और अब पूनम के नाम से नई शुरुआत कर रही हैं।
दर्द भरा अतीत और नई शुरुआत
नूरजहां, जो अब पूनम बन चुकी हैं, बताती हैं कि वह लंबे समय से तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथाओं से परेशान थीं। उन्हें बचपन से ही हिजाब और बुरका पसंद नहीं था। तलाक के बाद वह दिल्ली चली गईं, जहां एक खिलौना फैक्ट्री में काम करने लगीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात धर्मपाल से हुई। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और आठ महीने तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद दोनों ने जीवन साथ बिताने का निर्णय लिया।
अपनी मर्जी से लिया धर्म परिवर्तन का फैसला
इस रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए नूरजहां ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन का निर्णय लिया। उन्होंने बरेली की कचहरी में हलफनामा देकर स्पष्ट किया कि यह फैसला उन्होंने अपनी इच्छा से लिया है और उन पर किसी का कोई दबाव नहीं है। गंगाजल और गौमूत्र से शुद्धिकरण की विधि पूर्ण करने के बाद नूरजहां औपचारिक रूप से पूनम बन गईं। उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही भगवान राम की भक्त रही हैं और इस फैसले के चलते उन्हें परिवार के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
औपचारिक हुई शादी, मिला परिवार का साथ
धर्म परिवर्तन के बाद पूनम और धर्मपाल का विवाह बरेली के ऋषि मुनि आश्रम में हिंदू रीति-रिवाज से संपन्न हुआ। पंडित केके शंखधार ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शादी कराई। इस अवसर पर दोनों परिवारों के सदस्य मौजूद रहे और नवदंपति को आशीर्वाद दिया। पूनम और धर्मपाल अब साथ मिलकर नए सपनों और उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
