
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को बताया भ्रष्ट और नाकाम, बाढ़ प्रबंधन में विफलता पर कसा तंज
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की भाजपा सरकार को भ्रष्टाचार और नाकामी का पर्याय बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का बड़ा हिस्सा बाढ़ की विकराल आपदा से गुजर रहा है, लेकिन भाजपा सरकार राहत और बचाव के कामों में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। जहां सरकार ‘सुपर वीवीआईपी’ रैलियों और सभाओं के आयोजन में सक्षम है, वहीं बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में नाकाम है।अखिलेश यादव ने कहा कि प्रयागराज सहित प्रदेश के लगभग दो दर्जन जिलों में बाढ़ के कारण भयावह स्थिति बनी हुई है। वाराणसी और प्रयागराज के गली-मोहल्लों में नाव चलानी पड़ रही है। पानी और भोजन की किल्लत चरम पर है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में घरों में पानी भर गया है, जिससे बीमार, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग दवा-इलाज से वंचित हैं। स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हैं। स्कूलों के मर्जर की वजह से पहले ही पढ़ाई प्रभावित थी, अब बाढ़ ने स्थिति और खराब कर दी है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में बिजली की समस्या है और करंट लगने का खतरा बना हुआ है। ऊपरी मंजिलों पर रहने वाले लोग घर के गिरने के भय से त्रस्त हैं। घरों का सामान डूब गया है, कपड़े नहीं हैं, मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे, जिससे संवाद टूट गया है। सरकारी राहत केवल दिखावा साबित हो रही है, जबकि मंत्री खानापूर्ति में लगे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा गठित टीम-11 की भूमिका न के बराबर है और सरकार का सारा जोर प्रचार पर लगा हुआ है।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी के नाम पर भारी बजट का अपव्यय किया है। प्रयागराज और वाराणसी में स्मार्ट सिटी के लिए 20-20 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया, लेकिन न तो स्थिति में सुधार हुआ है और न ही जलभराव व गड्ढों से निजात मिली है।अखिलेश यादव ने बाढ़जन्य बीमारियों की भी आशंका जताई और कहा कि दैनिक कमाई पर निर्भर गरीब मजदूर काम पर नहीं जा पा रहे हैं। वे भूखमरी की कगार पर हैं। किसानों की फसलें पानी में डूब गई हैं, दुकानों को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है। आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, शैक्षिक प्रमाणपत्र आदि नष्ट या बह गए हैं। वाहन डूब गए हैं। नदी किनारे रहने वाले समुदाय का जीविकोपार्जन गंभीर संकट में है, लेकिन भाजपा सरकार या उसके सहयोगी दल उनकी समस्याओं को सुनने को तैयार नहीं हैं।उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई ठप है, जिन लोगों की मौत हो रही है उनके अंतिम संस्कार भी नहीं हो पा रहे। जनता प्रशासन की गैरमौजूदगी से आक्रोशित है, जबकि सरकार आत्म प्रचार में लगी हुई है।अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से मांग की है कि वह बाढ़ से जुड़ी इन गंभीर समस्याओं पर विस्तार से जवाब दे। उन्होंने सवाल उठाया कि जनता कब तक भय और आशंका के माहौल में जीती रहेगी। विकास और स्मार्ट सिटी के दावों के बीच विनाश की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा सरकार के जाने के बाद ही शहरों के आधारभूत ढांचे और आम जनता की स्थिति में सुधार संभव है।