diwali horizontal

फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की साइबर ठगी का खुलासा, इंडसइंड बैंक मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार

0 45

फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की साइबर ठगी का खुलासा, इंडसइंड बैंक मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार

लखनऊ: साइबर क्राइम थाना और साइबर क्राइम सेल, लखनऊ की संयुक्त टीम ने करोड़ों रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। टीम ने इस गिरोह से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें इंडसइंड बैंक चिनहट शाखा के डिप्टी ब्रांच मैनेजर भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों के पास से ₹30,000 नकद, छह एटीएम कार्ड, पांच मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद किया गया है। यह कार्रवाई साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से की गई, जिसमें पुलिस को उल्लेखनीय सफलता मिली है।पुलिस के अनुसार, 05 नवंबर को साइबर क्राइम सेल और साइबर क्राइम थाना की संयुक्त टीम क्षेत्र में गश्त कर रही थी, तभी मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि दो व्यक्ति — उमाकांत और राजीव विश्वास  अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी कंपनियों के माध्यम से साइबर ठगी कर रहे हैं। सूचना पर विश्वास करते हुए टीम महानगर चौराहे के पास पहुंची, जहाँ एक्सिस बैंक गोल मार्केट के सामने दो संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें पकड़ लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम उमाकांत और राजीव विश्वास बताए।पूछताछ में उमाकांत ने बताया कि वह “आकाश रियल स्टेट एंड डेवलपर्स प्रा. लि.” नाम की एक फर्जी कंपनी के नाम पर बैंक खाता खुलवाने की योजना बना रहा था। उसने स्वीकार किया कि वह वास्तविक रूप से रियल एस्टेट का कार्य नहीं करता, बल्कि विभिन्न नामों से फर्जी फर्म बनाकर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाता है, जिनके माध्यम से करोड़ों रुपये की साइबर ठगी की जाती है। पूछताछ के दौरान उमाकांत ने यह भी खुलासा किया कि इस नेटवर्क में इंडसइंड बैंक चिनहट शाखा के डिप्टी ब्रांच मैनेजर उत्तम विश्वास सक्रिय भूमिका निभाते थे, जो फर्जी फर्मों के खाते खुलवाने में मदद करते थे।उमाकांत के अनुसार, अब तक की ठगी में लगभग ₹20 करोड़ का लेनदेन किया जा चुका है। इसमें से 10–20 प्रतिशत कमीशन के रूप में उत्तम विश्वास को दिया गया था। उसने बताया कि ₹1 लाख रुपये गूगल पे के माध्यम से और ₹7–8 लाख नकद बैंक अधिकारी को दिए गए थे। पुलिस ने कुर्सी रोड स्थित किरन एन्क्लेव में दबिश देकर उत्तम विश्वास को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की।तीनों आरोपियों  उमाकांत, राजीव विश्वास और उत्तम विश्वास  को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में मुकदमा अपराध संख्या 181/2025, धारा 317(2)/317(4)/318(2)/3(5) भारतीय न्याय संहिता और धारा 66(D) आईटी एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है।पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह विभिन्न राज्यों में फर्जी कंपनियों के नाम से खाते खुलवाकर ठगी की रकम को इकट्ठा करता था। गेमिंग और ऑनलाइन फ्रॉड से प्राप्त धनराशि इन खातों में जमा होती थी, जिसे आरोपी ऑनलाइन बैंकिंग और एटीएम के जरिए निकाल लेते थे। रकम को कई खातों में ट्रांसफर कर ‘लेयरिंग’ की जाती थी ताकि उसका पता न चल सके। पुलिस को बरामद मोबाइल, पासबुक और चेकबुक के विश्लेषण से अब तक 40 साइबर ठगी की शिकायतों की जानकारी मिली है, जिनमें विशाखापत्तनम, पश्चिम बंगाल, गुरुग्राम (हरियाणा) और हैदराबाद में दर्ज मामले शामिल हैं।उमाकांत ने पूछताछ में यह भी स्वीकार किया कि उसने ठगी की रकम से 27 अक्टूबर 2025 को अपनी पत्नी के नाम पर जमीन खरीदी और सोने के आभूषण लिए, जिसकी पुष्टि उसके मोबाइल डेटा से हुई। गिरोह का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग, निवेश और सट्टा जैसी गतिविधियों के जरिए लोगों को फँसाकर उनकी धनराशि हड़पना था।साइबर पुलिस की टीम ने इस कार्रवाई में बृजेश कुमार यादव (प्रभारी निरीक्षक, साइबर क्राइम थाना), प्रशांत कुमार वर्मा (प्रभारी साइबर सेल), उपनिरीक्षक अरविन्द कुमार यादव, मुख्य आरक्षी शिववीर सिंह, आरक्षी अमित तिवारी, तरुण मौर्या और आशीष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।साइबर सेल ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात कॉल, लिंक, ईमेल या ऐप पर भरोसा न करें। किसी को भी अपने बैंक विवरण, OTP या UPI PIN साझा न करें और ऑनलाइन लॉटरी, इनाम, निवेश या जॉब ऑफर के नाम पर आने वाले संदेशों से सावधान रहें। यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो जाए तो तुरंत राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अपने बैंक खातों व मोबाइल नंबर से जुड़ी सभी सुरक्षा सुविधाएँ जैसे 2-स्टेप वेरिफिकेशन और UPI लॉक अवश्य सक्रिय रखें ताकि इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके।

Leave A Reply

Your email address will not be published.