
लखनऊ में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की चिंतन बैठक: देश की शिक्षा को नया विकल्प देने का प्रयास
लखनऊ: देश की शिक्षा को भारतीय संस्कृति, ज्ञान परंपरा और आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित करने के उद्देश्य से आज शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, अवध प्रांत के तत्वावधान में लखनऊ के रघुवर भवन में ‘‘विकसित भारत हेतु शिक्षा’’ विषय पर चिंतन बैठक और विमर्श आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के कार्यान्वयन, वैदिक गणित, पर्यावरण शिक्षा, पंच कोष आधारित चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास जैसे न्यास के उद्देश्यों पर चर्चा करना था।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मा सदस्य विधान परिषद् इंजी अवनीश सिंह थे, जबकि अध्यक्षता माननीय राष्ट्रीय सह संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली श्री संजय स्वामी ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, ॐकार के सामूहिक वाचन और बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत ईश्वर वंदना से हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रांत संयोजक प्रचार प्रसार दीप नारायण पांडेय ने किया।अवध प्रांत संयोजक प्रमिल द्विवेदी ने अपने स्वागत संबोधन में न्यास की स्थापना, उद्देश्यों और देश की शिक्षा में सुधार हेतु न्यास द्वारा अब तक किए गए प्रयासों का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने बताया कि न्यास ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित 400 से अधिक संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और परिचर्चाओं का आयोजन किया है और शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के प्रयास जारी हैं।मुख्य अतिथि इंजी अवनीश सिंह ने न्यास द्वारा शिक्षा में भारतीयता के समावेश और विकसित भारत में शैक्षिक संस्थाओं की भूमिका पर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना आवश्यक है और इसके लिए शिक्षा सबसे प्रभावी माध्यम है।कार्यक्रम में प्रख्यात शिक्षाविद ज्ञान पांडेय ने विकसित भारत हेतु शिक्षा पर, जबकि सत्येंद्र त्रिपाठी ने पंच कोष आधारित चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास पर अपने विचार प्रस्तुत किए। राष्ट्रीय सह संयोजक संजय स्वामी ने अवध प्रांत में न्यास के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए संगठन सुदृढ़ करने, कार्यकर्ता निर्माण, प्रशिक्षण और नेतृत्व विकास पर अपने सुझाव दिए। उन्होंने प्रमिल द्विवेदी को प्रांत संयोजक और डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह को सह संयोजक का दायित्व सौंपा।कार्यक्रम में प्रो. कीर्ति नारायण, श्री राजेश अग्रवाल, प्रो. शीला मिश्रा, श्री प्रवीण द्विवेदी, प्रो. हिमांशु सिंह, श्री के बी पंत, प्रो. आर. के. पांडेय, श्री ए. के. श्रीवास्तव, श्री संजीव सिंह, डॉ. नीता सक्सेना सहित प्रदेश भर से शिक्षाविद, वैज्ञानिक, प्रोफेसर, डॉक्टर, चिंतक, लेखक, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और बैंकिंग क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।इस चिंतन बैठक में न्यास ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और भारतीय संस्कृति के समेकित विकास की दिशा में अपने प्रयासों को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
