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जालौन में जल संरक्षण की बड़ी सफलता, भूजल स्तर बढ़ा और कृषि हुई मजबूत

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जालौन में जल संरक्षण की बड़ी सफलता, भूजल स्तर बढ़ा और कृषि हुई मजबूत

उत्तर प्रदेश: जालौन जिले ने जल संरक्षण के क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश की है। कभी गंभीर सूखे और जल संकट के लिए पहचाने जाने वाला यह जिला अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों और सतत प्रयासों के कारण जल प्रबंधन का राष्ट्रीय मॉडल बन गया है। जिले के कई ब्लॉकों में भूजल स्तर 2 मीटर या उससे अधिक बढ़ा है, जिससे कृषि और ग्रामीण जीवन पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

पिछले कुछ वर्षों में जिले में हजारों जल संरक्षण संरचनाएं तैयार की गई हैं, जिनमें चेक डैम, पुनर्जीवित तालाब और फार्म पॉन्ड्स शामिल हैं। इन संरचनाओं ने बारिश के जल को प्रभावी रूप से रोककर भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार किया है। किसानों को अब सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है और कई ब्लॉकों में ट्यूबवेल से पानी निकालने के घंटे 1 से 5 गुना तक बढ़ गए हैं।

पानी की उपलब्धता बढ़ने से खरीफ और रबी दोनों मौसमों की खेती में उत्पादन में सुधार हुआ है। बुंदेलखंड पैकेज के तहत दाल और तिलहनी फसलों के उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे किसानों की आय स्थिर हुई है। सैद नगर की निवासी विद्या सहित क्षेत्र की कई महिलाओं ने बताया कि अब उन्हें दूर से पानी लाने की परेशानी नहीं रहती और खेती के लिए सिंचाई व्यवस्था भी बेहतर हो गई है।

जल सुधारों का एक बड़ा सामाजिक प्रभाव यह है कि जालौन में मौसमी पलायन में निर्णायक कमी आई है। किसानों में भरोसा बढ़ा है कि उनकी ज़मीन अब दोनों मौसमों में अच्छी पैदावार दे सकती है। जल संरक्षण के सामूहिक प्रयासों की सफलता को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया और जालौन को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 में उत्तर क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ जिला चुना गया।

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