
केशव प्रसाद मौर्य बने मुख्यमंत्री! लखनऊ में लगे पोस्टर!
Lucknow News: पिछले कुछ दिनों में लखनऊ में दिखाए गए पोस्टर और बैकड्रॉप की तस्वीरों — जिसमें केशव प्रसाद मौर्य को “मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश” लिखकर दर्शाया गया था — ने राजनीति में हलचल मचा दी। 24 नवंबर को एक जंबूरी कार्यक्रम के दौरान, जिस मंच पर मौर्य मुख्य अतिथि थे, वहां पृष्ठभूमि (बैकड्रॉप) पर गलती से “मुख्यमंत्री” लिखा गया था, जबकि वह वास्तव में राज्य के उप‑मुख्यमंत्री हैं।
इस गलती की तस्वीरों/पोस्टरों के इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद, कई लोग इसे लेकर राजनीतिक अटकलें लगाने लगे — कुछ ने कहा कि पार्टी में गुटबाजी है, तो कुछ ने इसे आगामी बड़े राजनीतिक बदलाव की शुरुआत माना।
लेकिन इसके बावजूद — *कोई आधिकारिक आदेश, कोई संवैधानिक बदलाव, कोई सरकारी नोटिफिकेशन* नहीं आया है कि केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया हो। मीडिया रिपोर्ट और स्थानीय समाचार पत्रों ने इस पूरी घटना को “मानवीय चूक / बैकड्रॉप की गलती” बताया है, न कि किसी राजनीतिक बदलाव का सबूत।
इसलिए, अभी इसकी पुष्टि नहीं होती कि मौर्य वास्तव में मुख्यमंत्री बने हैं — असल में वे अभी भी उप‑मुख्यमंत्री हैं, और जो “मुख्यमंत्री” टैग दिखा वह सिर्फ एक गलत लेबलिंग थी।
जहाँ तक *वीडियो या पोस्टर देखने* की बात है — इंटरनेट पर वायरल जो फोटो और बैकड्रॉप की तस्वीरें हैं, वे इसी गलती वाले मंच समारोह की हैं। इन तस्वीरों और पोस्टरों को समाचार वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर देखा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, जिसने यह विवाद पहले उठाया वो समाचार लेख में वही तस्वीरें शामिल थीं।
लेकिन — क्योंकि यह कोई सरकारी घोषणा नहीं थी — इसलिए “यह वीडियो / पोस्टर दिखाता है कि मौर्य मुख्यमंत्री हैं” इस दावे को किसी विश्वसनीय स्रोत से लिंक करना मुश्किल है।
संक्षिप्त में: इस समय “केशव प्रसाद मौर्य मुख्यमंत्री बने” ऐसा कहना *बेहद असंभव* है; वह अभी भी उप‑मुख्यमंत्री हैं। जो पोस्टर/बैकड्रॉप दिखा, वो एक *गलती (mistake)* थी, जिसे कई लोग भूल से लेकर बड़ी खबर बना बैठे। वीडियो/तस्वीरें वायरल जरूर हुईं — लेकिन उन्हें “सरकारी बदलाव” की गारंटी नहीं माना जा सकता।