
विधानसभा और संसद सत्र को औपचारिकता से आगे बढ़ाकर बनाएं जनहित का मंच, अमेरिकी टैरिफ के असर पर गंभीर विमर्श की मांग

विधानसभा और संसद सत्र को औपचारिकता से आगे बढ़ाकर बनाएं जनहित का मंच, अमेरिकी टैरिफ के असर पर गंभीर विमर्श की मांग
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के आज से शुरू हो रहे मानसून सत्र को प्रदेश और जनता के लिए सार्थक बनाने की जोरदार अपील की है। उन्होंने कहा कि भले ही यह सत्र संक्षिप्त हो, लेकिन इसे केवल औपचारिकता पूरी करने तक सीमित रखना उचित नहीं होगा। सरकार और विपक्ष, दोनों को राजनीतिक स्वार्थ, द्वेष और कटुता छोड़कर प्रदेशहित में काम करने का संकल्प लेना चाहिए।बसपा प्रमुख ने संसद के जारी मानसून सत्र की कार्यवाही पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सत्र का शांतिपूर्ण तरीके से न चलना और ज्वलंत मुद्दों पर गंभीर चर्चा का अभाव, जनता की अपेक्षाओं के विपरीत है। इससे देश के महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श अधूरा रह जाता है और लोगों में चिंता का माहौल बनता है।मायावती ने विशेष रूप से अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय व्यापार, अर्थव्यवस्था और विकास पर पड़ने वाले संभावित नकारात्मक प्रभाव को लेकर संसद में गहन और व्यापक विमर्श की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सीधे देश के ‘अच्छे दिन’ के वादे से जुड़ा है और इसे हल्के में लेकर देश के भविष्य को दांव पर नहीं लगाया जा सकता। सरकार और विपक्ष दोनों को इस पर उचित और समुचित ध्यान देना चाहिए।इसके साथ ही बसपा प्रमुख ने मतदाता सूची, उसके पुनरीक्षण और ईवीएम से जुड़े मामलों पर देश में चल रही चर्चाओं और संदेहों को दूर करने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और जनहित के दृष्टिकोण से इन मुद्दों पर पारदर्शिता और स्पष्टता आवश्यक है।मायावती का यह बयान न केवल उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर हो रही राजनीतिक गतिविधियों और संसद की कार्यप्रणाली को लेकर उनकी चिंता और सजगता को दर्शाता है।