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जनसंख्या, प्रदूषण और गरीबी समाज के सामने चुनौती: डाॅ अनिल दूबे

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अयोध्या : डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय परिसर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार व शिक्षा विभाग हैदराबाद के सहयोग से ’इंस्टीट्यूशनल सोशल रिस्पांसिबिलिटी एंड कम्युनिटी इंगेजमेंट’ पर शनिवार को एक मिनी नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया। इस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता अवध विश्वविद्यालय के कुलसचिव उमानाथ ने की और कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के नैक समन्वयक प्रो. फारुख जमाल ने कियज्ञं कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों के विद्वान प्रतिनिधियो ने हिस्सा लिया

जिसमें अयोध्या से अंजनी कुमार यादव, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, अम्बेडकरनगर के निदेशक प्रो. संदीप तिवारी, संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर से डॉ. सतीश कुमार सिंह, गोंडा डाइट के प्रतिनिधि डॉ. सौमित्र सिंह, बहराइच डायट के प्रतिनिधि गुलशन, श्रावस्ती डाइट के प्रतिनिधि गिरीश प्रसाद मिश्रा, बाराबंकी डाइट के प्रतिनिधि, राहुल सिंह सूर्यवंशी, प्रतापगढ़ डाइट के उप प्राचार्य हृदय राम आजाद, अमेठी के आरआरपीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश त्रिपाठी, रायबरेली डाइट के प्रतिनिधि, धर्मेंद्र सिंह और बलिया के प्राचार्य विकास भारती के प्रतिनिधि अनुराग यादव ने प्रतिभाग किया।

सभी प्रतिनिधियों ने अपने अपने संस्थान के विषय में विस्तार से चर्चा की और बताया कि ग्रीन चैंपियन अवॉर्ड मिलने के बाद संस्थान ने ’वाटर मैनेजमेंट वेस्ट, मैनेजमेंट ग्रीनरी हेल्थ एंड हाइजीन एंड सोलर एनर्जी’ विषय पर बहुत अच्छा कार्य किया गया है। एमजीएनसीआरई के अवार्ड से संस्थान को प्रेरणा मिली है। एमजीएनसीआरई शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के प्रतिनिधि डॉ. अनिल कुमार दुबे, राज्य समन्वयक, उत्तर प्रदेश ने जल, जंगल, जमीन, गाय, गंगा, गोबर, समता, समन्वय, समावेश और स्वावलंबन को अपनाने पर बल दिया और बताया कि जनसंख्या, प्रदूषण और गरीबी समाज के सामने बहुत बड़ी चुनौती है इसे रोकना होगा तथा सभी अवॉर्डी इंस्टीट्यूशंस से आग्रह किया कि हम सभी लोग मिलकर एक भारत श्रेष्ठ भारत, उन्नत भारत, स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत, श्रेष्ठ भारत और अखंड भारत का निर्माण करें।

मिनी नेशनल कॉन्फ्रेंस में डॉ. अनिल ने बताया की एमजीएनसीआरई के अध्यक्ष डाॅ. डब्लू. जी. प्रसन्ना कुमार ने पूरे देश में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए जल, जंगल और जमीन तथा गाय, गंगा ,गोबर को संरक्षित और संवर्धित करने का कार्य कर रहे हैं। उनके कुशल नेतृत्व में संपूर्ण परिषद के सभी पदाधिकारी प्रेरित होकर कार्य कर रहे हैं। कॉन्फ्रेंस के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलसचिव उमानाथ ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के दिशा-निर्देशन में विश्वविद्यालय सामाजिक गतिविधियों में बढ़चढ कर हिस्सा ले रहा है। आगे भी भारत सरकार द्वारा दिए गए कार्यों को समाज, संस्थानों और विश्वविद्यालय परिसर में क्रियान्वित करेगा। कार्यक्रम के अंत में प्रो. फारुख जमाल द्वारा 12 जनपदों से आए हुए प्रतिनिधियों एवं एमजीएनसीआरई के प्रतिनिधि साई सुधीर व अनिल कुमार दुबे का आभार व्यक्त किया।

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