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राज्यसभा में प्रमोद तिवारी का मोदी सरकार पर कड़ी आलोचना: सुरक्षा व्यवस्था से लेकर विदेश नीति और जम्मू-कश्मीर तक लगाए गंभीर आरोप

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राज्यसभा में प्रमोद तिवारी का मोदी सरकार पर कड़ी आलोचना: सुरक्षा व्यवस्था से लेकर विदेश नीति और जम्मू-कश्मीर तक लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली,लखनऊ: राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार की सुरक्षा व्यवस्था, विदेशी नीति और जम्मू-कश्मीर के मामलों पर सख्त हमला बोला है। उन्होंने नई दिल्ली में सांसद के साथ दिनदहाड़े हुई छिनैती और नाबालिग बेटी की जघन्य हत्या को भाजपा सरकार की खराब कानून व्यवस्था का सबूत करार दिया। साथ ही अमेरिकी टैरिफ वृद्धि और बिहार की मतदाता सूची विवाद पर भी केंद्र सरकार की असावधानी पर सवाल उठाए।प्रमोद तिवारी ने कहा कि चाणक्यपुरी जैसे अत्यंत सुरक्षित इलाके में तमिलनाडु की कांग्रेस सांसद आर सुधा के साथ हुई छिनैती की घटना देश की राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाली है। उन्होंने घटना के समय पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को मिली सूचना पर त्वरित कार्रवाई न होने को गृह मंत्रालय की जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न बताया। चाणक्यपुरी क्षेत्र में कई देशों के दूतावास और सरकारी कार्यालयों के कारण सुरक्षा कड़ी होती है, फिर भी सांसद के साथ यह घटना होना सरकार की घोर असफलता है।इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली में एक नाबालिग बेटी की गोली मारकर हत्या को महिला एवं बेटी सुरक्षा के दावों पर तमाचा बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है।विदेश नीति पर प्रमोद तिवारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी को मोदी सरकार की गलत विदेश नीति का परिणाम बताया। प्रधानमंत्री की इस मुद्दे पर खामोशी को देश के आर्थिक हितों के लिए खतरनाक करार देते हुए उन्होंने कहा कि भारत को अपने हितों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि से महंगाई बढ़ेगी, जिससे आम जनता को भारी बोझ उठाना पड़ेगा।बिहार की मतदाता सूची विवाद पर उन्होंने कहा कि संसद में गतिरोध के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है, और आयोग की खामोशी ने मतदाता अधिकारों पर चोट पहुंचाई है। यह केवल बिहार का मुद्दा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था का गंभीर संकट है, जिसे विपक्ष कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।जम्मू-कश्मीर को छह वर्षों से केंद्रशासित प्रदेश बनाए रखने के फैसले को प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार की सबसे बड़ी भूल बताया। उन्होंने कहा कि संवेदनशील राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए था, लेकिन सरकार ने यह बड़ी गलती की। विधानसभा चुनाव के जनादेश को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि संसद के इसी सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।प्रमोद तिवारी की यह कड़ी टिप्पणियां केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर विपक्ष की असंतोष को स्पष्ट करती हैं, जो आगामी समय में राजनीतिक बहसों को और तीव्र कर सकती हैं।

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