
रामगोपाल यादव का SSR अभियान पर तीखा हमला, केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) अभियान को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया। बुधवार को इटावा के जसवंतनगर जिला पंचायत सभागार में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों की नीयत ठीक नहीं है, इसलिए यह अभियान चलाया जा रहा है।
प्रो. यादव ने कहा कि 1952 से हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का सामान्य पुनरीक्षण होता आया है, लेकिन SSR की कभी जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने सवाल उठाया कि अचानक इसकी आवश्यकता क्यों महसूस हुई। उन्होंने बिहार में हुए SSR का उदाहरण दिया, जहां एक भी घुसपैठिया नहीं मिला, फिर भी सरकार घुसपैठियों का मुद्दा उछाल रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि SSR के बाद जिन लोगों के वोट नहीं बन पाएंगे, उन्हें सरकार हिंदू होने पर नेपाल का नागरिक और मुसलमान होने पर बांग्लादेश या पाकिस्तान का बताकर सूची से बाहर करने की कोशिश कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने डिटेंशन सेंटर बनवाए थे, लेकिन वहां भी कोई घुसपैठिया नहीं मिला, इसलिए सपा इस अभियान का विरोध कर रही है।
प्रो. यादव ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए और कहा कि आयोग सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब कोई टीएन शेषन जैसा अधिकारी नहीं रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि कम समय और अत्यधिक दबाव के कारण बीएलओ पर असामान्य भार पड़ रहा है और कई बीएलओ आत्महत्या तक कर रहे हैं, जो देश के लिए बेहद खतरनाक स्थिति है।
नाम बदलने की राजनीति पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग काम नहीं कर पाते, इसलिए सिर्फ नाम बदलते रहते हैं। उन्होंने जसवंतनगर विधानसभा के एसआईआर प्रभारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने बताया कि प्रशासन प्रतिदिन प्रपत्रों की फीडिंग का विवरण मांग रहा है, परंतु उपलब्ध नहीं करा रहा। इस पर रामगोपाल यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर नाराजगी जताई। बैठक में जिला महासचिव वीरभान सिंह भदौरिया, सपा एसआईआर प्रभारी उदयभान सिंह यादव, विधानसभा अध्यक्ष रामनरेश यादव सहित कई स्थानीय नेता मौजूद रहे।
