
लखनऊ स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज के तत्वावधान में आज विद्यालय के सभागार में भारत 2047: विज़न फॉर डेवेलप्ड नेशन विषय पर द्वितीय मॉडल संसद एसएमएस संसद- 25 का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों के विभिन्न कॉलेजों से आए प्रतिभागियों, संकाय सदस्यों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। मॉडल संसद के माध्यम से छात्रों ने स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर भारत की संभावित विकास यात्रा का संसदीय स्वरूप में प्रस्तुतीकरण किया।कार्यक्रम की शुरुआत एसएमएस लखनऊ के निदेशक डॉ. आशीष भटनागर ने कहा कि मॉडल संसद जैसे मंच युवाओं में कौशल नेतृत्व, नीतिगत समझ और नवाचारी सोच विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मुख्य अतिथि मयंकेश्वर शरण सिंह राज्यमंत्री संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण ने कहा कि मॉडल संसद छात्रों को रचनात्मक चर्चा, समालोचनात्मक सोच और नीति-निर्माण की बारीकियों को समझने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने छात्रों को देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु प्रेरित किया।

द्वितीय एसएमएस संसद -25 में 20 से अधिक टीमों ने हिस्सा लिया, जिनके प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेता और विभिन्न राज्यों के सांसदों की भूमिकाएँ निभाई। कार्यक्रम में प्रस्तुत चर्चाएँ देश को 2047 तक विकसित, आत्मनिर्भर और नवाचार-प्रधान राष्ट्र बनाने पर केंद्रित रहीं एसएमएस लखनऊ के सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी शरद सिंह ने कहा कि एसएमएस संसद, छात्रों में नागरिक चेतना और नेतृत्व भावना को बढ़ावा देने का सशक्त मंच है। उन्होंने कहा कि इस तरह के शैक्षिक आयोजन राष्ट्र के भविष्य के लिए जागरूक और दूरदर्शी युवा तैयार करने में सहायक साबित होते हैं

कार्यक्रम का समापन “विज़न 2047 प्रस्ताव” के पारित होने के साथ हुआ, जो देश के विकास, प्रगति और सशक्त भविष्य के प्रति युवाओं की सामूहिक दृष्टि को दर्शाता है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुमन कुंडी ने सभी प्रतिभागियों और आयोजन टीम के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि मॉडल संसद ने छात्रों को नीति-निर्माण, नेतृत्व और सहयोगात्मक निर्णय लेने का व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया।