diwali horizontal

पेगासस जासूसी मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान कहा अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं तो ये आरोप काफी गंभीर

0 138

नयी दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज एकसाथ सुनवाई हुई। इन याचिकाओं में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों एन. राम तथा शशि कुमार द्वारा दी गई याचिका भी शामिल हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं तो ये आरोप काफी गंभीर हैं मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई रमना ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि 2019 में पेगासस का मुद्दा सामने आया और किसी ने भी जासूसी के बारे में सत्यापन योग्य सामग्री एकत्र करने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि अधिकांश जनहित याचिकाएं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के समाचार पत्रों की कटिंग पर आधारित हैं।

उन्होंने कहा, हम ये नहीं कह सकते कि इस मामले में बिल्कुल कोई सामग्री नहीं है। हम सबको समाचार पत्रों की रिपोर्ट और प्रतिष्ठित पत्रकारों की सामग्री नहीं कहना चाहते हैं। जिन लोगों ने याचिका दायर की उनमें से कुछ ने दावा किया कि उनके फोन हैक हो गए हैं। आप आईटी और टेलीग्राफिक अधिनियम के प्रावधानों को अच्छी तरह जानते हैं। ऐसा लगता है कि उन्होंने शिकायत दर्ज करने का कोई प्रयास नहीं किया। ये चीजें हमें परेशान कर रही हैं

याचिकाकर्ता एन राम और अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पेगासस को एक धूर्त तकनीक बताया जो हमारी जानकारी के बिना हमारे जीवन में प्रवेश करती है। सिब्बल ने कहा, “यह हमारे गणतंत्र की निजता, गरिमा और मूल्यों पर हमला है बता दें कि पिछले दिनों दो जाने माने पत्रकारों ने पेगासस जासूसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। द हिंदू अखबार के पूर्व चीफ एडिटर एन राम और एशियानेट के फाउंडर शशि कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अनुरोध किया था कि इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रतिष्ठित नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों की कथित जासूसी किए जाने संबंधी खबरों की शीर्ष अदालत के किसी मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाशीध से स्वतंत्र जांच कराई जाए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.