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सूडान में सोने की जंग और पैगम्बर मुहम्मद की चेतावनी!

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सूडान में सोने की जंग और पैगम्बर मुहम्मद की चेतावनी!

अंतरराष्ट्रीय: सूडान इन दिनों बड़े संकट में है। यहाँ के *सोनہ के खानों* को लेकर देश की दो बड़ी फ़ौजी ताक़तें — *सूडानी आर्मी फ़ोर्सेज (SAF)* और  रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स (RSF) आम लोगों की जान की परवाह किए बिना आपस में लड़ रही हैं। इस लड़ाई में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यहाँ सोना सिर्फ *दौलत का ज़रिया* नहीं बल्कि *जंग का हतियार* बन गया है। कहा जा रहा है कि *अबू धाबी* वाले इस सोने का व्यापार कर रहे हैं, जिससे दोनों पक्ष अपनी फौज को मजबूत कर रहे हैं।

इस पूरे मामले को *इस्लामी नजरिए* से देखें तो बहुत बातें सामने आती हैं। इस्लाम में *मासूम लोगों की जान लेना, नाजायज़ दौलत जमा करना और लोगों को नुकसान पहुँचाना हराम* है। *क़ुरआन और हदीस* में इंसाफ, बराबरी और गरीबों का हक़ देने की बातें कही गई हैं।

कुरआन में “*सोने के पहाड़” का भी ज़िक्र है। हदीस में आया है कि आखिरत में धरती या नदियों के नीचे बड़े खज़ाने निकलेंगे और लोग उन्हें पाने के लिए लड़ेंगे। जो लोग सिर्फ **लालच और ताक़त* के लिए इसमें हिस्सा लेंगे, उनका अंजाम अच्छा नहीं होगा। यही वह चेतावनी है जो *मुहम्मद ﷺ ने 1400 साल पहले दी थी* — उन्होंने कहा था कि *धन और खज़ाने के लालच में इंसान आपस में लड़ाई, हत्या और बर्बादी के रास्ते पर चले जाएगा।* आज जो सुडान में हो रहा है, वही उनके कहा हुआ सच साबित कर रहा है।

सूडान की जंग और कुरआनी चेतावनी में एक मेल दिखाई देता है। दोनों ही मामलों में देखा जा सकता है कि जब सोना और दौलत *लालच और ताक़त* के लिए इस्तेमाल होती है, तो यह युद्ध, ज़ुल्म और तबाही का कारण बनती है। आम लोग मरते हैं, संपत्ति लूटी जाती है और मासूमों की ज़िंदगी खतरे में पड़ती है।

यह सिर्फ़ सुडान और अबू धाबी का मसला नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक *सबक़* है कि प्राकृतिक संसाधनों का गलत इस्तेमाल कैसे तबाही ला सकता है। मुसलमानों के लिए यह सीख है कि *दौलत और खज़ानों का सही इस्तेमाल इंसाफ और मानवता के लिए होना चाहिए*, न कि लालच और ज़ुल्म के लिए।

आख़िर में, सुडान की ये जंग और मुहम्मद ﷺ की 1400 साल पुरानी चेतावनी यह दिखाती है कि *सोने और दौलत का लालच इंसानों को विनाश की तरफ़ ले जाता है, और असली ताक़त और क़द्र **इंसानियत, ईमान और इंसाफ* में है।

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