School 1 horizontal

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने दी चेतावनी—परियोजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, लंबित कार्य तय समय पर हों पूर्ण

Plant 1 horizontal
0 48

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने दी चेतावनी—परियोजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, लंबित कार्य तय समय पर हों पूर्ण

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदेश में संचालित सभी पर्यटन परियोजनाओं को तय समयसीमा में हर हाल में पूर्ण किया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता पर लेकर तेज़ी से कार्य पूर्ण करें और किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंत्री ने कार्यों में देरी करने वाले ठेकेदारों, आर्किटेक्ट्स और संबंधित संस्थाओं पर नाराजगी जताते हुए उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को गोमतीनगर स्थित उत्तर प्रदेश पर्यटन भवन में विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, पर्यटन सलाहकार जेपी सिंह सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से सुसज्जित कर रही है ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी विकास कार्यों की प्रगति जमीनी स्तर पर नजर आनी चाहिए और निर्माण की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि समय से कार्य पूरे न करने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।जयवीर सिंह ने वर्चुअल माध्यम से बुलंदशहर, चित्रकूट के सोमनाथ शिव मंदिर, फिरोजाबाद के मदनपुर में यमुना नदी के किनारे, गोंडा, गोरखपुर, झांसी और मथुरा में चल रही निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने गोरखपुर में बन रहे प्रदेश के पहले स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (SIHM), झांसी के बुद्ध विहार विपश्यना केंद्र, और मथुरा के गोकुल नगर पंचायत में निर्माणाधीन भवनों का भी निरीक्षण किया। स्थानीय पुजारी, विपश्यना केंद्र के भंते और अन्य पदाधिकारियों ने कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।मंत्री ने निर्देश दिए कि टेंडर प्रक्रिया, कार्य की पूर्णता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने इको टूरिज्म की संभावनाओं को सशक्त करने और अल्पज्ञात पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर भी बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले के ऐसे पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता दी जाए, जो देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं।प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने भी विभागीय योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री जैसे टाइल्स, फिटिंग्स, कैफेटेरिया, शौचालय, आगंतुकों के लिए बैठने की व्यवस्था, साइनेज और सौंदर्यीकरण आदि में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी परियोजनाएं तय समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दोहराए।र्यटन विभाग की इस सख्ती को राज्य में पर्यटन विकास को गति देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.