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अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की ईरान की तारीफ।

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अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की ईरान की तारीफ

Trump on Iran:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को नीदरलैंड्स में नाटो समिट के दौरान कहा कि ईरान ने जंग में बहादुरी दिखाई। वे ऑयल का कारोबार करते हैं। मैं चाहूं तो इसे रोक सकता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता।

 

उन्होंने कहा कि ईरान को जंग के बाद नुकसान से उबरने के लिए ऑयल बेचने की जरूरत है। अगर चीन, ईरान से ऑयल खरीदना चाहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है।

ट्रम्प ने कहा कि ईरान और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते बातचीत होगी।

इससे पहले मंगलवार को NATO समिट के लिए जाते वक्त भी ट्रम्प ने कहा था कि चीन अब ईरान से ऑयल खरीद सकता है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि चीन अमेरिका से भी ऑयल खरीदेगा।

हालांकि व्हाइट हाउस अधिकारी ने साफ किया था कि यह ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों में राहत का ऐलान नहीं था। बता दें कि ईरान-इजराइल में 12 दिन चली जंग के बाद ट्रम्प ने मंगलवार को सीजफायर का ऐलान किया था।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने गुरुवार को कहा है कि उन्हें परमाणु ठिकानों का निरीक्षण करने के लिए ईरान से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

ग्रॉसी ने रेडियो फ्रांस इंटरनेशनेल से कहा, ‘ईरान में IAEA की मौजूदगी दरियादिली नहीं है, यह एक अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी है, क्योंकि ईरान परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का सदस्य है।’

IAEA हेड ने कहा, ‘NPT सदस्य होने के नाते ईरान के पास एक इंस्पेक्शन सिस्टम होना चाहिए। यह एक कानूनी दायित्व है जिसे एकतरफा सस्पेंड नहीं किया जा सकता है।

इजराइल के हमले में ईरान के एक वैज्ञानिक और उनके 11 परिजन मारे गए हैं। ईरान के अंग्रेजी समाचार चैनल प्रेस टीवी ने इसकी जानकारी दी। मरने वालों में परमाणु वैज्ञानिक सदीगी साबेर के अलावा बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक यह हमला सीजफायर लागू होने से ठीक पहले सोमवार रात को हुआ

ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर लागू होने के बावजूद देश में सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की जनता के सामने गैर-मौजूदगी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक खामेनेई को पिछले लगभग एक सप्ताह से न तो सार्वजनिक रूप से देखा गया है और न ही उनका कोई बयान सामने आया है।

रिपोर्ट बताती है कि जब 13 जून को इजराइल और ईरान के बीच सीधा सैन्य टकराव शुरू हुआ, तब खामेनेई को सुरक्षा कारणों से छिपा दिया गया था।

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