
उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों ने दीपावली के अवसर पर दिखाई नवाचार और सशक्तिकरण की झलक
उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों ने दीपावली के अवसर पर दिखाई नवाचार और सशक्तिकरण की झलक
उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीण महिलाओं के आजीविका संवर्धन और सशक्तिकरण के क्षेत्र में अत्यंत प्रभावी और सफल प्रयास किए जा रहे हैं। लखपति दीदी योजना के तहत मिशन निरंतर ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके उत्पादों को बाजार में पहचान दिलाने की दिशा में काम कर रहा है।दीपावली के पावन अवसर पर मिशन के अंतर्गत सक्रिय स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खास रौनक पैदा कर दी है। मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि हजारों समूह सदस्य त्योहारों के अवसर के अनुसार डिजाइनर दिए, मोमबत्तियां और अन्य पूजा-संबंधित उत्पाद तैयार कर रही हैं। समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को शहरों के तर्ज पर गिफ्ट हैंपर के रूप में तैयार किया जा रहा है। साथ ही, इन उत्पादों को संग्रहित कर एक कॉफी टेबल बुक तैयार की जा रही है, जिससे इनकी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बढ़ सके। इसके अतिरिक्त उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी बिक्री हेतु पंजीकृत किया गया है।मिशन निदेशक ने बताया कि समूहों द्वारा गाय के गोबर और पंचगव से गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां, मधुमक्खी के छत्ते से निकले मोम से फैंसी मोमबत्तियां और अन्य इको-फ्रेंडली उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा हवन सामग्री, धूपबत्ती, अगरबत्ती और अन्य पूजा-सामग्री भी स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाई जा रही है।उन्होंने आगे बताया कि शीघ्र ही सभी जनपदों को निर्देशित किया जाएगा कि समूह सदस्यों के उत्पादों के लिए बाजार में उचित स्थान सुनिश्चित किया जाए और सभी जनपदों एवं ब्लॉक कार्यालयों में विशेष स्टॉल लगाकर इनकी बिक्री को अधिक से अधिक बढ़ाया जाए। इस पहल से न केवल ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उनके उत्पादों को व्यापक स्तर पर पहचान और मूल्य मिलेगा।इस प्रकार राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से न केवल महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित किया है, बल्कि पारंपरिक और इको-फ्रेंडली उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा दी है।
