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मृतप्राय चितेरी लोककला के संवर्धन को आयुक्त आये आगे

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झॉसी :युक्त अजय शंकर पाण्डेय ने बुन्देलखण्ड की कला और संस्कृति को संरक्षित, सम्बर्द्धित करने के लिये एक अभियान चला रखा है। इसी कड़ी में उन्होंने बुन्देलखण्ड की पारम्परिक लोक कला चितैरी को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए हैं। आयुक्त डा पांडेय ने बताया कि चितैरी चित्रकला से जुड़े कलाकार अर्थाभाव एवं भरण-पोषण की समस्या से जूझते हुए भुखमरी की कगार पर पहुँच गये हैं।

उन्होंने ऐसे कलाकारों की खोज कराई व राजस्व विभाग एवं डूडा विभाग की संयुक्त टीम गठित कर सर्वेक्षण कराया। इस सर्वेक्षण में चितैरी कला का कार्य करने वाले 6 कलाकार मिले। मण्डलायुक्त ने इन कलाकारों को कार्यालय में बुलाकर उनकी समस्याओं को सुना और उनसे इसके अलावा चितैरी कला को बढ़ाने के लिये विचार विमर्श किया। उन्होंने इसे प्राथमिकता पर लेते हुए इन कलाकारों के पुनर्वासन की योजना लागू की गई।

आयुक्त ने कहा कि भविष्य में ऐसे सभी चितैरी कलाकारों को शहर में निःशुल्क आवासीय मकान की सुविधा मिलेगी और शहरी अर्बन हाट में  चितैरी चित्रकला कारखाना नाम से इन कलाकारों को एक ही कार्यस्थल पर चितैरी/ चित्रकला से संबंधित कार्य उपलब्ध कराया जायेगा। इस हाट में इन कलाकारों को निःशुल्क पानी, बिजली, कागज, रंग, ब्रश आदि उपलब्ध होगा।

चितैरी चित्रकला से सम्बन्धित चित्रों को व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठानों व दुकानों पर लगाने को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उप्र व्यापार फोटो लगायी मंडल के अध्यक्ष संजय पटवारी ने आयुक्त को सहयोग का आश्वासन दिया।

इन कलाकारों के संरक्षण व सम्बर्द्धन के साथ विशेष सुविधायें प्रदान करने हेतु एक समिति का गठन किया गया। आयुक्त ने सभी 6 कलाकारों को जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) झॉसी में आईएचएसबीपी योजना के तहत निःशुल्क आवास उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिये।

केवल निर्देश ही नहीं बल्कि इन कलाकारों के आवेदन पत्र विधिवत भरवाकर परियोजनाधिकारी, डूडा को उपलब्ध करा दिये गये है और परियोजनाधिकारी, डूडा को यह भी कहा गया कि संबंधित व्यक्तियों को दो सप्ताह के भीतर आवास आवंटित कर कब्जा दिला दिया जाये।

विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को निर्देश दिये गये कि अर्बन हाट में चितैरी चित्रकला कारखाना नाम से इन कलाकारों को कार्यस्थल उपलब्ध कराया जाये, जिसके बदले कोई किराया नहीं लिया जाएगा बल्कि उन्हें निःशुल्क चित्रकारी के समस्त उपकरण भी उपलब्ध कराये जायेंगें जिसमें कागज, ब्रश, रंग आदि शामिल होगा।

इन कलाकारों को अपने उत्पाद की बिक्री करने के लिये बाजार में भी स्थान उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जायेगी। मण्डलायुक्त ने झॉसी व्यापार मण्डल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की और यह प्रस्ताव रखा गया कि कि चितैरी कला / चित्रकला को पुनर्जीवित करने में सक्रिय सहयोग करें

और नगर के हर व्यापारी की दुकान पर चितैरी कलाकारों के एक एक चित्र बनवाकर इन्हें अपनी दुकानों पर लगायें तथा दुकान की एक दीवाल पर पेन्टिंग भी करायें। मण्डलायुक्त के इस प्रस्ताव को संजय पटवारी प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश व्यापार मण्डल ने आश्वासन दिया कि संगठन का यह प्रयास होगा कि दुकानों पर चितेरी कला की पेन्टिंग तथा दीवालों पर यथासंभव चितेरी कला की पेन्टिंग करायें।

चितैरी कला को संरक्षित व सम्बर्द्धित करने को गठित समिति में सर्वेश कुमार उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण, झॉसी अध्यक्ष, डॉ नीति शास्त्री, शिक्षाविद एवं समाज सेविका, झॉसी सदस्य डॉ० मधु श्रीवास्तव, चित्रकार एवं बुन्देली साहित्य की लेखिका सदस्य, मोहित कुशवाहा, चितैरी कलाकार चतुरयाना सदस्य नामित किये गये हैं।

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