
मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी की मजलिस, स्व. नाज़िर अब्बास ज़ैदपुरी के अज़ाख़ाना में आयत ए मवद्दत और अहल-ए-हरम के कष्टों पर प्रकाश।
मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी की मजलिस, स्व. नाज़िर अब्बास ज़ैदपुरी के अज़ाख़ाना में आयत ए मवद्दत और अहल-ए-हरम के कष्टों पर प्रकाश।
लखनऊ: अरबईन-ए-हुसैनी के बाद भी लखनऊ में इमाम हुसैन (अ.स.) की मजलिसों का सिलसिला पूरी श्रद्धा के साथ जारी है। इसी क्रम में स्व. नाज़िर अब्बास ज़ैदपुरी के अज़ाख़ाना, काज़िमैन लखनऊ में एक गरिमामयी मजलिस-ए-अज़ा आयोजित हुई, जिसमें भाषण देने का सम्मान प्रसिद्ध आलिम “आफ़्ताब-ए-मिल्लत” मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी को प्राप्त हुआ।
मजलिस की शुरुआत हदीस-ए-क़िसा की तिलावत से हुई। इसके बाद मौलाना ने आयत ए मवद्दत की रोशनी में अहल-ए-बैत (अ.स.) की महानता और उनके उच्चतम स्थान पर प्रभावशाली भाषण दिया।
मजलिस के अंत में उन्होंने कर्बला के बाद अहल-ए-हरम की मदीना आगमन की कठिनाइयों और कष्टों को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया, जिससे माहौल भावुक और ग़मगीन हो उठा।