
सरकारी स्कूलों की मर्जिंग के खिलाफ आगरा में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन, संजय सिंह बोले– “बच्चों के स्कूल नहीं बंद होने देंगे”
आगरा: उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के मर्जिंग और बंदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को आगरा में जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी के राज्यसभा सांसद और प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने प्राथमिक विद्यालय मढ़ैया खटीक पहुंचकर अभिभावकों और विद्यार्थियों से मुलाकात की और मर्जिंग के विरोध में पैदल मार्च किया।संजय सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार सरकारी स्कूलों को बंद कर गरीब, दलित और वंचित तबकों के बच्चों को शिक्षा से दूर करने की साजिश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बच्चों के स्कूल किसी कीमत पर बंद नहीं होने दिए जाएंगे।उन्होंने मढ़ैया खटीक से 2 किलोमीटर दूर निधौता स्थित कंपोजिट विद्यालय तक पैदल मार्च कर अभिभावकों की पीड़ा को साझा किया। संजय सिंह ने सवाल उठाया कि सरकार कैसे उम्मीद कर सकती है कि छोटे बच्चे प्रतिदिन 2 किलोमीटर लंबा, वह भी एक्सप्रेसवे जैसे खतरनाक रास्ते से होकर स्कूल जाएं? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी बच्चे के साथ दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री, मंत्रीगण और अधिकारी लेंगे क्या?संजय सिंह ने आरोप लगाया कि 2024 में सरकार ने जहां 27,308 शराब के ठेके खोल दिए, वहीं लगभग 26,000 सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए। 2025 में 27,000 और स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश को पाठशाला चाहिए, मधुशाला नहीं। यह निर्णय गरीबों से उनका भविष्य छीनने की साजिश है।” उन्होंने यह भी बताया कि बीते 10 वर्षों में पूरे देश में करीब 89 हजार सरकारी स्कूल बंद हुए, जिनमें से लगभग 25 हजार केवल उत्तर प्रदेश में हैं।कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश सहप्रभारी चौधरी सुरेंद्र कुमार ने कहा कि यह केवल स्कूलों को बंद करने की बात नहीं है, बल्कि बाबा साहब अंबेडकर के उस सपने को तोड़ने की कोशिश है जिसमें उन्होंने शिक्षा को शेरनी का दूध कहा था।
ब्रज प्रांत अध्यक्ष डॉ. हृदेश चौधरी ने दो टूक कहा कि आम आदमी पार्टी स्कूलों को बंद करने के किसी भी निर्णय का सख्त विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी “स्कूल बचाओ अभियान” के तहत गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेगी।इस अवसर पर अयोध्या प्रांत अध्यक्ष विनय पटेल, जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ चतुर्वेदी, महानगर अध्यक्ष दिलीप बंसल, जिला प्रभारी नूर सिद्दीकी सहित दर्जनों वरिष्ठ कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक भी मौजूद रहे। सभी ने सरकार के फैसले को न केवल बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय, बल्कि संविधान प्रदत्त शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला बताया।
