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लखनऊ कोरोना वार्ड में डयूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं मिला बेड

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भर्ती के इंतजार में केजीएमयू परिसर में बैठे हैं चार चिकित्साकर्मी

लखनऊ :कोरोना काल में जिन स्वास्थ्य कर्मियों पर फूल बरसाए जा रहे थे आज उन्हें उनके ही अस्पताल में भर्ती होने के लिए बेड उपलब्ध नहीं है। राजधानी के अस्पतालों में करीब-करीब बेड फुल हो गये हैं। कोरोना वारियर्स जो फ्रंट लाइन में रहकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, उन्हें खुद संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने के लिए बेड नहीं नसीब हो रहा।

केजीएमयू में ऐसा ही एक मामला आया जबकि यहां के कोरोना वार्ड में संक्रमित ड्यूटी करने वाले दो नर्सों समेत चार चिकित्सा कर्मियों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सका है। जानकारी के मुताबिक बेड के इंतजार में ये चारों बुधवार शाम से ही केजीएमयू परिसर में बैठे हुए हैं। इस संबन्ध में केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री ने कुलपति को पत्र लिखा है। पत्र में इन्होंने कर्मचारियों के लिए प्राथमिकता के आधार पर बेड उपलब्ध कराने की मांग की है।

केजीएमयू के कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने वाली कोरोना पॉजिटिव नर्स के पति विवेक कुमार का कहना है कि उनकी पत्नी केजीएमयू में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी ड्यूटी 1 से 14 जुलाई तक कोरोना वार्ड में लगी थी। ड्यूटी के दौरान कराए गए टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। उनके साथ ही तीन अन्य एक नर्स, एक आया और एक स्वीपर भी कोरोना के चपेट में आए थे।

विवेक ने बताया कि 15 जुलाई को रिपोर्ट आने के बाद से उनकी नर्स पत्नी व तीन अन्य स्टाफ को भर्ती नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि मैं रायबरेली में नौकरी करता हूं और यहां पत्नी की ड्यूटी लगने पर 5 साल के बच्चे की देख-रेख के लिए छुट्टी लेकर आया था। इस समय भी अपने बेटे के साथ घर पर हूं, इसलिए मैं कहीं ज्यादा दौड़ भाग नहीं कर पा रहा हूं। विवेक ने बताया कि चारों पॉजिटिव कर्मचारी सर्जिकल वार्ड दो में बैठकर अपने भर्ती होने का इंतजार कर रहे हैं।

केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार और महामंत्री राजन यादव ने कुलपति को पत्र लिखकर कोविड-19 से कर्मचारियों के संक्रमित होने की स्थिति में बेड एवं उपचार तत्काल उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कर्मचारी पूरे मनोयोग से कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के उपचार एवं सेवा में लगे हुए हैं लेकिन अपने दायित्व के निर्वहन करने के दौरान जो जो संक्रमित हो रहे हैं उनके लिए बेड एवं उपचार व्यवस्था समय से उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जबकि संस्थान में आने वाले संक्रमित प्रभावशाली मरीजों को तत्काल बेड एवं इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने लिखा है कि उन्हीं प्रभावशाली मरीजों के इलाज में लगे कर्मचारियों को संक्रमित होने पर बैठक बेड तक नहीं मिल पा रहा है। इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है। जिससे उनकी कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

इन दोनों कर्मचारी परिषद नेताओं ने कुलपति से मांग की है कि यदि केजीएमयू के कर्मचारी संक्रमित होते हैं तो उन्हें शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर तत्काल बेड एवं इलाज उपलब्ध कराया जाए, जिससे भविष्य में कर्मचारियों के आक्रोश का सामना ना करना पड़े।

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