
यूपी को मिलेगी स्वच्छ हवा की नई राह, जनवरी 2026 में शुरू होगी ‘उत्तर प्रदेश स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना’
उत्तर प्रदेश को स्वच्छ, स्वस्थ और पर्यावरण के प्रति अधिक सक्षम राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी जनवरी 2026 में उत्तर प्रदेश स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना (UPCAMP) का शुभारंभ करेंगे। यह महत्वाकांक्षी परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से लागू की जा रही है और वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए एक समग्र रणनीति पर आधारित है।
परियोजना की संरचना और वित्तीय मंजूरी
UPCAMP के शासी निकाय की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव करेंगे, जबकि प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव इसके सदस्य होंगे। परियोजना का कुल परिव्यय 304.66 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें 299.66 मिलियन डॉलर का ऋण और 5 मिलियन डॉलर का अनुदान शामिल है। यह परियोजना वर्ष 2025 से 2031 तक छह वर्षों में चरणबद्ध रूप से लागू की जाएगी।
3 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में परियोजना वार्ता सफल होने के बाद, 10 दिसंबर 2025 को विश्व बैंक के निदेशक मंडल ने इसे औपचारिक मंजूरी दी।
भारत की पहली वायुक्षेत्र-आधारित परियोजना
UPCAMP भारत की पहली एयरशेड-बेस्ड एयर क्वालिटी मैनेजमेंट परियोजना है। यह इंडो-गंगा के मैदानों में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों को लक्षित करती है। परियोजना का वैज्ञानिक आधार IIT कानपुर, IIT दिल्ली, नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट फॉर एयर रिसर्च (NILU) और ऑस्ट्रिया के IIASA द्वारा विकसित GAINS मॉडल पर आधारित है।
प्रमुख क्षेत्रों में प्रदूषण घटाने की योजना
यह परियोजना उद्योग, परिवहन, कृषि, सड़क की धूल, अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छ खाना पकाने जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।
स्वच्छ खाना पकाने के तहत करीब 39 लाख परिवारों को स्वच्छ ईंधन समाधान उपलब्ध कराए जाएंगे।
परिवहन क्षेत्र में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर में 15,000 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और 500 इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा दिया जाएगा, साथ ही 13,500 प्रदूषणकारी भारी वाहनों को बदलने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
कृषि और पशुधन क्षेत्र में पोषक तत्व उपयोग दक्षता, नाइट्रोजन निगरानी और बायोगैस स्लरी के मानकीकृत उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
उद्योगों में संसाधन-कुशल टनल भट्टों को अपनाने और औद्योगिक क्लस्टरों के लिए स्वच्छ वायु प्रबंधन योजनाएँ लागू की जाएंगी।
राज्यों के बीच सहयोग
परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सीमा-पार उत्सर्जन से निपटने हेतु पड़ोसी राज्यों के साथ सहयोग बढ़ाने की रणनीति भी अपनाएगी। सरकार का मानना है कि यह परियोजना प्रदेश को स्वच्छ हवा की दिशा में एक निर्णायक मोड़ देगी।
