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तहसील दिवस में आत्मदाह का प्रयास करने वाली महिला को पुलिस ने बचाया, संपत्ति विवाद से थी परेशान

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तहसील दिवस में आत्मदाह का प्रयास करने वाली महिला को पुलिस ने बचाया, संपत्ति विवाद से थी परेशान

लखनऊ: थाना गोसाईगंज क्षेत्र के सराय करौरा गांव की निवासी एक महिला द्वारा तहसील दिवस के दौरान आत्मदाह का प्रयास करने से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। महिला की पहचान सीमा वर्मा पत्नी सुशील कुमार यादव (उम्र करीब 30 वर्ष) के रूप में हुई है। वह शुक्रवार को एक प्लास्टिक की बोतल में ज्वलनशील पदार्थ लेकर तहसील परिसर पहुंची थी और मौके पर मौजूद अधिकारियों के सामने आत्मदाह करने का प्रयास करने लगी। संयोगवश, मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए महिला को बचा लिया और उसे तत्काल थाने ले जाकर पूछताछ शुरू की गई।पुलिस के अनुसार, सीमा वर्मा का अपने पति और ससुराल पक्ष से संपत्ति और पारिवारिक अधिकारों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। प्रारंभिक पूछताछ में महिला ने बताया कि उसने कई बार पति और ससुराल वालों से न्याय पाने की कोशिश की, लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी। इन परिस्थितियों से मानसिक रूप से परेशान होकर उसने यह खतरनाक कदम उठाया, ताकि उसकी आवाज शासन-प्रशासन तक पहुँच सके। महिला ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उसे न तो ससुराल में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है और न ही संपत्ति में कोई हिस्सा देने की बात की जा रही है।पुलिस सूत्रों की मानें तो सीमा वर्मा पूर्व में किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी विवाहिता रह चुकी हैं और वर्तमान पति के साथ उनके संबंध विवाह के शुरूआत से ही तनावपूर्ण रहे हैं। उन्होंने समय-समय पर थाना गोसाईगंज में कई शिकायतें दी हैं, जिनका परीक्षण कर निस्तारण भी किया गया है। पुलिस द्वारा दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता का प्रयास भी किया गया था, परंतु कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई। ससुराल पक्ष ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे सीमा वर्मा को न तो घर में रहने देना चाहते हैं और न ही किसी प्रकार की संपत्ति में भागीदारी देने के इच्छुक हैं।पुलिस का कहना है कि सीमा वर्मा द्वारा तहसील दिवस में आत्मदाह की कोशिश दबाव बनाने का एक तरीका हो सकता है, क्योंकि उन्होंने पूर्व में भी कई स्तरों पर शिकायतें दर्ज कराई थीं। हालांकि, महिला की इस कार्रवाई को हल्के में नहीं लिया जा रहा है। थाने पर उसकी शिकायत पर विधिक प्रक्रिया के तहत आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला दीवानी प्रकृति का है, और इसे मध्यस्थता केंद्र या पारिवारिक न्यायालय के माध्यम से ही स्थायी रूप से सुलझाया जा सकता है।इस पूरे घटनाक्रम के दौरान तहसील दिवस में मौजूद अधिकारी, कर्मचारी और फरियादी स्तब्ध रह गए। एक महिला द्वारा अपने अधिकारों और न्याय की माँग के लिए इस तरह का कठोर कदम उठाना यह दर्शाता है कि पारिवारिक विवादों को सुलझाने में समाज और व्यवस्था की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। यह घटना प्रशासन के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है कि तहसील दिवस जैसे सार्वजनिक मंच पर यदि कोई व्यक्ति आत्मघाती कदम उठाता है, तो यह केवल उसके व्यक्तिगत संकट की बात नहीं बल्कि एक सामाजिक विफलता का संकेत भी है।फिलहाल पुलिस द्वारा महिला के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और स्थिति की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।

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