
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जयंती पर लखनऊ में मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन
लखनऊ: भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर 15 अक्टूबर 2025 को मदरसा दारूल उलूम वारसिया, गोमतीनगर में विज्ञान प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मा. राज्य मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, दानिश आजाद अंसारी ने की। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण आर.पी. सिंह, रजिस्ट्रार उ.प्र. मदरसा शिक्षा परिषद श्रीमती अंजना सिरोही, डिप्टी रजिस्ट्रार बालेन्दु कुमार द्विवेदी एवं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लखनऊ श्री पवन कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न मदरसों में अध्ययनरत लगभग 2000 छात्र और छात्राओं ने भाग लिया। माननीय मंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए विज्ञान मॉडल की सराहना की। अपने संबोधन में मंत्री ने कहा कि आज मदरसों में आधुनिक विज्ञान की शिक्षा के साथ दीनी शिक्षा भी दी जा रही है, जिससे छात्र विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया कि सरकार उन्हें उनके चुने हुए क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए हर संभव मदद प्रदान करेगी।इस कार्यक्रम में जनपद के कुल 20 अनुदानित एवं मान्यता प्राप्त मदरसों ने विज्ञान के विभिन्न आयामों जैसे अग्नि मिसाइल, कंप्यूटर संचालन, फेफड़ों की कार्यप्रणाली, सौर मंडल आदि के सजीव मॉडल प्रदर्शित किए। प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले मदरसों को पुरस्कार प्रदान किए गए। मदरसा दारूल उलूम वारसिया, गोमतीनगर को प्रथम पुरस्कार, मदरसा हनफिया जियाउल कुरान, बड़ाचांद गंज को द्वितीय पुरस्कार एवं मदरसा इरम मॉडल स्कूल, बारूदखाना को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।साथ ही छात्रों ने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी पर हिन्दी और अंग्रेजी में स्पीच प्रस्तुत की। सर्वश्रेष्ठ तीन छात्र/छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। मोहम्मद शादाब (मदरसा जामिया अरबिया मखजनुल उलूम) को प्रथम पुरस्कार, मोहम्मद यासिर (मदरसा दारूल उलूम फारूकिया, काकोरी) को द्वितीय पुरस्कार एवं कु. हानिया (मदरसा शेखुल आलम साबिरिया चिश्तिया) को तृतीय पुरस्कार दिया गया।उक्त अवसर पर मदरसा दारूल उलूम वारसिया के प्रबंधक श्री शरीफुल हसन, अन्य मदरसों के प्रधानाचार्य और शिक्षकगण भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि मदरसों में दीनी शिक्षा के साथ-साथ विज्ञान और आधुनिक तकनीकी शिक्षा को भी समान महत्व दिया जा रहा है, जिससे छात्र ज्ञान और कौशल के सभी क्षेत्रों में प्रगति कर सकें।
