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लखनऊ में पहली ज़िला पैरा डांस स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप संपन्न, दिव्यांग प्रतिभाओं ने जीता दर्शकों का दिल

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लखनऊ में पहली ज़िला पैरा डांस स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप संपन्न, दिव्यांग प्रतिभाओं ने जीता दर्शकों का दिल

लखनऊ: लखनऊ ज़िला डांस स्पोर्ट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित पहली लखनऊ ज़िला पैरा डांस स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप आज लुलु मॉल में उत्साह, जोश और उमंग के माहौल में संपन्न हुई। इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्देश्य दिव्यांगजनों में आत्मविश्वास, रचनात्मकता, खेल भावना और सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा देना था।कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य अनूप गुप्ता ने दीप प्रज्वलन कर किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांगजन समाज की अमूल्य धरोहर हैं और उनकी प्रतिभा को मंच देकर न केवल उनका मनोबल बढ़ता है, बल्कि एक संवेदनशील और समावेशी समाज की दिशा में भी कदम बढ़ते हैं।लुलु इंडिया के निदेशक (तेलंगाना, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली) जयकुमार गंगाधरन ने कहा कि जब अवसर और प्रोत्साहन मिलता है, तो प्रतिभा किसी भी सीमा को पार कर सकती है। लुलु इंडिया ऐसे प्रेरणादायक आयोजनों के साथ खड़ा रहकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, क्षेत्रीय निदेशक नोमान अज़ीज़ खान ने कहा कि हमें अपनी सोच को सीमाओं से मुक्त करना होगा और युवाओं को निरंतर प्रोत्साहित करते रहना चाहिए।समापन सत्र में राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन अधिकार, उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ. हिमांशु शेखर झा ने विजेताओं को मेडल और प्रमाणपत्र प्रदान करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता दिव्यांगजनों की असीम क्षमताओं का प्रमाण है और ऐसे मंच उनकी कला व आत्मविश्वास को सामने लाने में मददगार हैं। इग्नू लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में समान अवसर ही सच्चा सशक्तिकरण है।डांस स्पोर्ट्स एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के.बी. पंत ने बताया कि इस चैम्पियनशिप के माध्यम से दिव्यांगजनों को डांस स्पोर्ट्स में प्रोत्साहित किया जा रहा है और आने वाले समय में ऐसे और भी आयोजन होंगे, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का अवसर मिल सके।प्रतियोगिता में लखनऊ ज़िले के विभिन्न संस्थानों और संगठनों से आए 50 से अधिक दिव्यांग प्रतिभागियों ने अपनी शानदार नृत्य प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। दर्शक दीर्घा में मौजूद सैकड़ों लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।कार्यक्रम के सफल आयोजन में लुलु मॉल प्रबंधन, स्वयंसेवकों, सामाजिक संगठनों और मीडिया का विशेष योगदान रहा। यह आयोजन न केवल एक खेल प्रतियोगिता साबित हुआ, बल्कि सामाजिक संवेदना, समानता और प्रेरणा का प्रतीक भी बन गया।

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