
40वें आयटो वार्षिक सम्मेलन में उत्तर प्रदेश पर्यटन मंडप बना आकर्षण का केंद्र
लखनऊ: 23 अगस्त, 2025ओडिशा के पुरी में 22 से 25 अगस्त 2025 तक आयोजित 40वें इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आयटो) वार्षिक सम्मेलन में उत्तर प्रदेश पर्यटन मंडप ने उपस्थित प्रतिनिधियों का ध्यान खींचा। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्य अतिथि के रूप में किया, जबकि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के स्टॉल का उद्घाटन ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने किया।उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन में प्रदेश के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन आकर्षणों को प्रदर्शित किया गया। यूपी पर्यटन स्टॉल पर इत्र नगरी कन्नौज, स्पिरिचुअल ट्रायंगल (अयोध्या-काशी-प्रयागराज), दीपोत्सव और रंगोत्सव सहित भव्य वार्षिक आयोजनों की झलक पेश की गई। सम्मेलन में देशभर से 1,000 से अधिक प्रतिनिधि, टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी और ट्रैवल मीडिया शामिल हुए।मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि आयटो सम्मेलन उत्तर प्रदेश के पर्यटन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाने का अवसर प्रदान कर रहा है। इस मंच पर पर्यटन उद्योग के पेशेवर और सरकारी हितधारक मिलकर इनबाउंड टूरिज्म के भविष्य और निवेश, नवाचार तथा तकनीकी सहयोग के अवसरों पर चर्चा कर रहे हैं।सम्मेलन के पहले दिन उत्तर प्रदेश पर्यटन मंडप आगंतुकों के लिए मुख्य आकर्षण बना। प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से इत्र पर्यटन में रुचि दिखाई और कन्नौज की सदियों पुरानी अत्तर निर्माण परंपरा को अनुभवात्मक उत्पाद के रूप में देखा। इसके अलावा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और नेटवर्किंग सत्रों में अयोध्या के राम मंदिर सर्किट, वाराणसी के रिवर फ्रंट और दुधवा व बुंदेलखंड में इको-टूरिज्म से जुड़ी संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि आयटो के माध्यम से राज्य सरकार देश के अग्रणी टूर ऑपरेटरों और उद्योग जगत के नेताओं से सीधे संवाद कर रही है। यह केवल धरोहर और स्मारकों के प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पर्यटन अवसंरचना का विस्तार, निजी निवेश को आकर्षित करना और अनुभवों का विविधीकरण भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन, इको-टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, एग्री टूरिज्म, इत्र पर्यटन और एडवेंचर टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं, जो देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।सम्मेलन में पर्यटन महानिदेशक एवं अतिरिक्त सचिव भारत सरकार सुमन बिल्ला, छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की चेयरमैन नीलू शर्मा और उत्तर प्रदेश पर्यटन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक प्रदेश को भारत का बहुआयामी पर्यटन गंतव्य बनाया जाए, जहां आने वाला हर पर्यटक संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुभव लेकर लौटे।
