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सदन में CM योगी विपक्ष पर बुरी तरह भड़के!

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सदन में CM योगी विपक्ष पर बुरी तरह भड़के!

यू पी Live: महाशिवरात्रि के मौके पर स्नान के साथ ही आस्था के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन का समापन हो जाएगा, लेकिन महाकुंभ पर शुरू हुई राजनीति चलती रहेगी. वो राजनीति जो कुंभ के आगाज के साथ शुरू हुई थी और आखिर तक गिद्ध और सुअर जैसे शब्दों तक पहुंच गई. 13 जनवरी को जब कुंभ मेला शुरू हुआ तो योगी सरकार ने 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया था, लेकिन अब तक प्रयागराज के संगम में 64 करोड़ से ज्यादा लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।

औसत की बात करें तो हर रोज कुंभ में करीब डेढ़ करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई है और मंगलवार को जब सीएम योगी आदित्यनाथ विधान परिषद में कुंभ पर बोलने के लिए खड़े हुए तो वो उन आंकड़ों के साथ गरज रहे थे कि कैसे उनकी सरकार ने संगम को लेकर खाई सौगंध को पूरा किया है.

64 करोड़ लोगों को किसी एक शहर के एक हिस्से में जाकर डुबकी लगाना वाकई अजूबा है और जो बचे हैं वो भी इसमें किसी भी कीमत पर शामिल हो जाना चाहते हैं. आस्थावानों को पुण्य मिला.. शायद इसीलिए देश और दुनिया के तमाम बड़े चेहरों ने बारी-बारी आकर संगम में डुबकी लगाई. फिर चाहे लंबे वक्त से सुर्खियों से दूर रहीं नुपूर शर्मा हो या फिर देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी. चेहरा चाहे राजनीति से ताल्लुक रखता हो या फिर फिल्म जगत से. हर कोई गंगा मैया के जल से खुद को शुद्ध करने पहुंचा.

अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक महाकुंभ में करीब 8 से 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई गई थी. इन्ही सब वजहों से ये भारत में अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक आयोजन बन गया है. हालांकि अखिलेश यादव महाकुंभ में कारोबार का आंकड़ा बताने पर योगी सरकार पर वार किया. दरअसल महाकुंभ में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच वॉक युद्ध शुरू से चलता चला आ रहा है और योगी ने अखिलेश के हमलों का जवाब सनातनी तरीके से दिया. सीएम योगी का ये सिर्फ एक बयान नहीं है. बीजेपी के तमाम नेता और योगी ने बार-बार महाकुंभ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के डुबकी लगाने की बात को दोहराया है कि कुंभ के आयोजन पर प्रहार करने वाले भी स्नान के लिए सबसे आगे खड़े थे. दरअसल अखिलेश यादव ने शुरुआत से ही कुंभ आयोजन की कमियों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था.

इन्हीं आरोपों को लेकर योगी आदित्यनाथ ने गिद्ध शब्द का इस्तेमाल किया था. योगी का इशारा समाजवादी पार्टी की तरफ था कि वो लोग इंतजार में थे कि हादसा हो और लाशें गिनकर हमला किया जा सके और फिर भगदड़ के बाद गंगाजल की शुद्धता के मुद्दे ने तूल पकड़ा. दरसअल संगम के जल पर संग्राम सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ था, जिसमें कहा गया है कि स्नान वाली जगह से लिए गए ज्यादातर सैंपल में फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया यानी मल मूत्र वाली गंदगी तय मानकों से बहुत ज्यादा मिली है. जबकि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश प्रॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि पानी बिल्कुल साफ है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की वेबसाइट पर जो ताजा रिपोर्ट आई है, उसमें फीकल कॉलीफॉर्म समेत प्रदूषण के दूसरे तत्व भी तय मानक के भीतर हैं यानि अब यूपी और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड दोनों ही कह रहे हैं कि गंगा का पानी साफ है.

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