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उत्तर प्रदेश में मनरेगा के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं कड़ाई के निर्देश

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उत्तर प्रदेश में मनरेगा के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं कड़ाई के निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में पूरी पारदर्शिता, संवेदनशीलता एवं गंभीरता के साथ काम करने के निर्देश समस्त संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि योजना की निगरानी कड़ाई से की जाएगी और यदि कहीं कोई अनियमितता या लापरवाही पाई जाती है तो दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा।ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के नए निर्देशों के तहत ग्राम्य विकास विभाग मुख्यालय ने समस्त जिलाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम समन्वयकों को मनरेगा के अंतर्गत कार्यरत मजदूरों की उपस्थिति से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार जिला और विकास खण्ड स्तर पर समर्पित एनएमएमएस निगरानी प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा, जो अपलोड की गई तस्वीरों की दैनिक जांच, सत्यापन और विसंगतियों की रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार होंगे।निगरानी तीन स्तरों पर की जाएगी। पंचायत स्तर पर पदाधिकारी, ग्राम रोजगार सेवक एवं पंचायत सचिव सभी अपलोड की गई तस्वीरों और उपस्थिति का शत-प्रतिशत सत्यापन करेंगे। विकास खण्ड स्तर पर कार्यक्रम अधिकारी, ब्लॉक स्तरीय स्थायी कर्मचारी एवं संविदा कर्मी प्रत्येक 200 तस्वीरों या अपलोड की गई तस्वीरों के 20 प्रतिशत की रैंडम जांच करेंगे। जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक 30 तस्वीरों की जांच करेंगे, जबकि जिला स्तरीय स्थायी एवं संविदा कर्मचारी भी निर्धारित संख्या में तस्वीरों का रैंडम सत्यापन करेंगे।अपलोड की गई सभी तस्वीरें और उपस्थिति विवरण अनिवार्य रूप से डाउनलोड कर जिला कार्यालय की हार्ड डिस्क में संरक्षित किए जाएंगे। जिले अपने अधिकार क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों से प्रत्येक कार्य एवं दिन के लिए अपलोड की गई तस्वीरों की साफ्ट कॉपी सुरक्षित रखेंगे, जिसे निरीक्षण या सामाजिक अंकेक्षण के दौरान प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। ये अभिलेख कम से कम एक वर्ष या सामाजिक अंकेक्षण होने तक रखे जाएंगे। नव विकसित प्रणाली लागू होने तक मैन्युअल सत्यापन प्रक्रिया जारी रहेगी।आयुक्त ग्राम्य विकास जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि इस निगरानी तंत्र और सुधारात्मक उपायों का उद्देश्य जवाबदेही स्थापित करना, डेटा की अखंडता सुनिश्चित करना और मनरेगा कार्यों में जनता का विश्वास बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए सभी जनपदों को प्रति दिन रिपोर्ट मनरेगा मुख्यालय को प्रेषित करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

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