
नीतीश कुमार के इफ्तार का इमारत-ए-शरिया ने किया बहिष्कार।
इडियाLive: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इफ्तार का आयोजन करते आए हैं. इस बार भी सीएम आवास में आयोजन किया गया जिसमें राजनीतिक दलों को तो बुलाया ही था, मुस्लिम समाज से जुड़े धार्मिक संगठनों को भी बुलावा भेजा गया था.लेकिन, इसी बीच बिहार के बड़े मुस्लिम संगठन इमारत-ए-शरिया की तरफ से इफ्तार के बहिष्कार के एक पत्र ने सियासी हलचल मचा दी.
दरअसल, बिहार झारखंड उड़ीसा के सबसे बड़े मुस्लिम धार्मिक संगठन इमारते शरिया ने वक़्फ़ संशोधन बिल पर जेडीयू के स्टैंड का विरोध कर नीतीश कुमार से इस बिल का विरोध करने का आग्रह किया था, लेकिन जवाब संतोष जनक नहीं मिलने से इनकी नाराजगी बढ़ गई थीइफ्तार में अभी कुछ घंटे बाकी थे कि इसी बीच जेडीयू के तेज तर्रार एमएलसी माने जाने वाले खालिद अनवर ने एक बयान जारी किया और जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि ये पत्र फर्जी है और ये सब आरजेडी का किया हुआ है. नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज के लिए जितना किया है, उतना किसी ने नहीं किया. खालिद अनवर ने आरोप लगाया कि इमारते शरिया में कुछ लोग हैं जो आरज़ेडी के इशारे पर चल रहे हैं और अपने फायदे के लिए बहिष्कार वाली बात कर रहे हैं. जबकि, इमारते शरिया से जुड़े कई लोग इफ़्तार में शामिल होंगे और उनकी नीतियां कुमार के प्रति काफी अच्छा भाव भी है. इसके बाद जेडीयू के कई मुस्लिम लीडर धीरे-धीरे मुखर होने लगे और लगातार इमारते शरिया के वैसे लोगों से संपर्क साधा जाने लगा जो नीतीश कुमार के प्रति सम्मान और सहानुभूति रखते हैं. उन्हें शाम में होने वाले इफ्तार में आने को बोला गया.इसी बीच जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने भी आरोप लगाया कि इमारते शरीया का आड़ लेकर कुछ लोगों ने चुनाव आने के पहले अपनी अपनी दुकान खोल ली है और उन्हें मुस्लिम समाज से कोई मतलब नहीं है, लेकिन इनका मंसूबा सफल नहीं होगा.वहीं, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन इरशादुल्लाह ने कहा कोई इफ़्तार जैसे आयोजन का बहिष्कार कैसे कर सकता है. इस्लाम में ये जायज नहीं है. जिन लोगो ने भी किया है ये सही नहीं है. इमारते शरिया में कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं, लेकिन बड़ी संख्या में इमारत के लोग नीतीश कुमार के प्रति अच्छे भाव रखते हैं.