
हर घर तिरंगा कार्यक्रम की सफलता के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां, 2 करोड़ झंडे बनाएंगे स्वयं सहायता समूह
हर घर तिरंगा कार्यक्रम की सफलता के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां, 2 करोड़ झंडे बनाएंगे स्वयं सहायता समूह
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को आवंटित झंडा निर्माण लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए।मौर्य ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत 2022 में शुरू किया गया यह अभियान नागरिकों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और तिरंगे से भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाने का माध्यम बन चुका है। बीते वर्षों में यह अभियान राष्ट्रीय अस्मिता, देशभक्ति और गौरव का जन-भागीदारी आंदोलन बन गया है।इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ झंडों का निर्माण राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा। गत वर्ष इन समूहों ने 1.88 करोड़ से अधिक झंडे तैयार कर उच्च प्रशंसा प्राप्त की थी। तैयार झंडे ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि अतिरिक्त उत्पादन को स्थानीय प्रशासन, बाजार और मोहल्लों में भी बेचा जा सकेगा।मिशन निदेशक दीपा रंजन ने जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि समूहों को किसी प्रकार की वित्तीय हानि न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। झंडों की बिक्री मिशन के अन्य घटकों से लाभान्वित व्यक्तियों के माध्यम से भी कराई जा सकती है। निर्माण और आपूर्ति से संबंधित विवरण कार्यक्रम समाप्ति के तीन दिन के भीतर मुख्यालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।झंडा निर्माण के साथ ही समूह सदस्यों, लाभार्थियों और नागरिकों को तिरंगे के सम्मान और झंडा संहिता के नियमों के बारे में जागरूक किया जाएगा। लाभार्थियों को स्वयं सहायता समूहों से झंडा खरीदने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। प्रत्येक जिले में झंडा निर्माण के लिए दैनिक लक्ष्य तय कर उनकी प्रगति की निगरानी होगी, ताकि समय पर लक्ष्य पूरे हो सकें।निर्माण कार्य पूरी तरह झंडा संहिता और कोड ऑफ कंडक्ट के अनुरूप होगा। तैयार झंडों की आपूर्ति उपायुक्त स्वयं रोजगार के माध्यम से सीधे ग्राम पंचायतों तक की जाएगी, और आवश्यकता पड़ने पर अन्य विभागों को भी उपलब्ध कराई जाएगी। यदि किसी जिले में लक्ष्य से अधिक झंडे बनते हैं, तो उन्हें अन्य जिलों में भेजा जा सकेगा।मुख्य विकास अधिकारियों को 31 अगस्त 2025 तक भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने और 5 सितंबर तक इसकी सूचना मिशन मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इस बार कार्य अधिक संख्या में निपुण समूहों को आवंटित किया जाएगा और किसी भी अन्य व्यक्ति, संस्था या ठेकेदार को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। शासन के सभी नियमों का पूर्ण पालन और निर्माण प्रक्रिया की सघन निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।
