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बाघ की दहाड़ से लखनऊ में दहशत

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काकोरीकाकोरी इलाके में मौजूद बाघ रहमानखेड़ा स्थिय केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फार्म के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है। फार्म के पास बसे दुगौली के बाहर गुरुवार दोपहर एक साइकल से जा रहे किसान ने बाघ को संस्थान की ओर जाने वाले रास्ते पर देखा। बाघ को सामने देख वह डर के मारे साइकल छोड़कर भागा। इससे पहले सुबह सहिलामऊ गांव की ओर जाने वाले रास्ते, मीठेनगर के रास्ते पर पुल के आसपास भी बाघ के पगमार्क मिले। इसके अलावा मीठनगर के पास बेहता नाले के किनारे और रेलवे क्रॉसिंग से करीब 300 मीटर दूर भी बाघ के पगमार्क मिले

दुगौली निवासी रामलखन यादव ने वन विभाग की टीम को बताया कि वह गुरुवार दोपहर साइकल से पशुओं का चारा लेने जा रहे थे। रास्ते में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान जाने वाली सड़क पर सामने से बाघ को निकलता देखा। उसे देखकर साइकल छोड़कर गांव की तरफ भागे और लोगों को बताया।

सुबह कई जगह पगमार्क मिलने पर वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में कॉम्बिंग तेज की। इस दौरान ड्रोन कैमरे भी उड़ाए गए। कॉम्बिंग के दौरान दोपहर करीब डेढ़ बजे उप प्रभागीय वन अधिकारी लखनऊ और लखीमपुर खीरी के स्टाफ को मीठेनगर गांव के किनारे बेहता नाले की दूसरी तरफ रहमानखेड़ा फार्म की जाली के नीचे बाघ के पगमार्क मिले

बाघ की तलाश के लिए लखीमपुर की शारदा नगर रेंज के रेंजर एके मल और फॉरेस्टर नागेंद्र पांडेय समेत पांच लोगो की टीम भी आई है। रेंजर एके मल ने बताया कि किसी भी हिंसक जानवर को कहीं रुकने के लिए शिकार, पानी और छुपने के लिए जगह चाहिए। रहमानखेड़ा ये सभी उपलब्ध हैं। इसी कारण बाघ रहमानखेड़ा के जंगल के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है

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