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माहे रमजान का चांद नहीं दिखा, पहला रोजा रविवार को

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लखनऊ : मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर एवं इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी तथा इदारा-ए-शरीहा फंरगी महल के अध्यक्ष काजी-ए-शहर मुफ्ती अबुल इरफान मियां फंरगी महली ने घोषणा की है कि शुक्रवार को माहे रमजान का चांद नहीं दिखा है। इसके अनुसार रविवार को पहला रोजा होगा। कल शनिवार की रात से ईशा की नमाज के बाद नमाजे तरावीह का दौर शुरू हो जायेगा।

जो ईद के चांद निकलने तक जारी रहेगा। माहे रमजान का चांद देखने के लिए ऐशबाग ईदगाह आैर मौलाना सैफ के कार्यालय इमामबाड़ा जन्नतमाब तकी साहब अकबरी गेट सहित कई अन्य जगहों में विशेष प्रबंध किये गये थे, लेकिन चांद दिखाई नहीं दिया। मौलाना सैफ अब्बास ने बताया कि हजरत इमाम हसन (अ.स.) का जन्मदिन (15 रमजान) 16 मार्च को मनाया जायेगा। इसके अलावा 19 रमजान का जुलूस 20 मार्च और 21 रमजान का जुलूस 22 मार्च को शासन-प्रशासन की अनुमति के बाद निकल सकेगा। 28 मार्च को अलविदा की नमाज होगी।

रोजेदारों की सुविधा के लिए शिया व सुन्नी समुदाय ने हेल्पलाइन खोली हैं। जिन पर उलमा हजरात पूछे गये सवालों के जवाब देंगे। सुन्नी समुदाय के रोजेदारों के लिए इस्लामिक सेन्टर आफ इंडिया ने हेल्पलाइन खोली है। जिस पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में उलमा का एक पैनल पूछे गये सवालों के जवाब देगा। इसी तरह शिया समुदाय के रोजदारों के लिए हेल्पलाइन कार्यालय आयतुल्लाह अल उजमा सैयद सादिक हुसैनी शीराजी की खोली गयी है

जिसमें मौलाना सैफ अब्बास नकवी लोगों के सवालों के जवाब देंगे। महिलाओं के लिए एक विशेष हेल्पलाइन स्थापित की गई है जिसमें महिला विद्वान महिलाओं के सवालों का जवाब देगीं। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि इस नंबर 6386897124 पर संपर्क करें ।

इस्लामिक सेन्टर आफ इंडिया की रमजान हेल्पलाइन
मोबइल नम्बर 9415023970, 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677

कार्यालय आयतुल्लाह अल उजमा सैयद सादिक हुसैनी शीराजी की हेल्पलाइन
मोबइल नम्बर 9415580936, 9839097407

जश्ने अली असगर मनाया

हजरत इमाम हुसैन (अ.स) के मासूम बेटे हजरत अली असगर (अ.स) की विलादत की याद में इमामबाड़ा अल्हाज सुल्तान मिर्जा कटरा खुदायार खा सहादतगंज में जश्ने अली असगर का आयोजन किया गया। जश्न को मौलाना मोहम्मद अस्करी ने खिताब किया। इसके बाद जश्न की तरह की पंक्ति ‘नबी के बाग का नन्हा गुलाब असगर है’ पर शायर-ए-अहलेबैत एजाज जैदी,नय्यर मजीदी ,खुशनूद मुस्तफा,अंजुम गदीरी,अली

अब्बास,कैफ गाजीपुरी,मौलाना दानिश,गुलरेज नकी, मौलाना मोहम्मद मियां आब्दी,मौलाना अबुल फजल, मौलाना अली इमाम,सरवर दाबीरी,मिर्जा अली दानिश,कम्बर नकवी,काजी असद,फैजान जाफर,अयान रिजवी,सुल्तान सुरूर,हैदर रजा,हसन फराज,अजहर हुसैन और इजहार हुसैन आदि ने अपने कलाम पढ़े। जश्न का आगाज कारी फुरकान हुसैन ने तिलावते कुरआन से की और संचालन शान आब्दी ने किया।

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