कानपुर : 2 जुलाई की रात पुलिस पर हमले के बाद फरार विकास दुबे के अन्य साथियों की लोकेशन एनसीआर में मिली है। एसटीएफ और पुलिस की टीमें पहुंच गई हैं। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में छापेमारी की गई है लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। अपराधियों के लगातार ठिकाना बदलने से दिक्कतें आ रही हैं।
घटना में नामजद विकास दुबे का भाई दीपू दुबे समेत 10 अपराधी फरार चल रहे हैं। पुलिस ने इनके पोस्टर जारी किए हैं और सभी पर इनाम घोषित कर रखा है। एसटीएफ और पुलिस की टीम लगातार आरोपियों की निगरानी कर रही है। सर्विलांस सेल को इनकी लोकेशन एनसीआर में मिली। कभी गाजियाबाद तो कभी नोएडा में लोकेशन मिली। कुछ दिल्ली भी चले गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी एक स्थान पर ज्यादा वक्त नहीं ठहर रहे हैं। इससे सटीक लोकेशन नहीं मिल पा रही है।
एनसीआर में लोकेशन मिलने के बाद एसटीएफ और पुलिस टीम भेजी गई है। एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एसटीएफj और पुलिस ने दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी की है। अभी सफलता नहीं मिली है। फरार सभी की लगातार निगरानी की जा रही है।
कई आरोपित सरेंडर करने की फिराक में
पुलिस का दबाव लगातार बना हुआ है। भागते फिर रहे कई आरोपी कोर्ट में सरेंडर करने की कोशिश कर रहे हैं। फरार आरोपियों के कुछ के रिश्तेदार और कुछ के करीबी आत्मसमर्पण कराने के प्रयास में हैं। पुलिस इस सूचना पर भी काम कर रही है।
ये आरोपी अभी फरार
विकास का भाई दीपू दुबे, राजाराम उर्फ प्रेम कुमार, शिव तिवारी, विष्णुपाल यादव उर्फ जिलेदार, राम सिंह, रामू बाजपेई, हीरू दुबे, बउअन शुक्ला, शिवम दुबे और बाल गोविंद फरार चल रहे हैं। शिवम दुबे की जगह दूसरे शिवम को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। इसका नाम बाद में एफआईआर में शामिल किया गया था। पुलिस ने गोपाल के भाई गोविंद का नाम भी जांच में शामिल कर लिया है। उसकी भी तलाश जारी है।