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घरों में पूजा हुई लेकिन बदल गया कन्यापूजन का तरीका, जानें

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नवरात्रों में मां की उपासना करने वाले शक्ति के उपासक हर बार कन्यापूजन व हवन के बाद व्रत पारण करते हैं। मगर इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन ने यह विधान भी बदल दिया। घरों में हवन तो हुए, लेकिन अधिकांश लोगों ने कन्यापूजन इस बार नहीं किया। कई ऐसे लोग हैं जो कन्यापूजन में दिया जाने वाला दान मानवसेवा और जीवसेवा के लिए प्रदान किया।

प्रशासन ने की मदद

रामपुर जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार बहुत से लोगों ने कंट्रोल रूम में फोन करके कन्यापूज के पैसा और खाना जरूरतमंदों को देने के लिए कहा। ऐसे लोगों के यहां टीम भेजी गई और सामान एकत्र किया गया। जिसे जरूरतमंदों को दे दिया गया।

लोकसेवा भी देवी पूजन से कम नहीं

लखनऊ के अमीनाबाद की रहने वाली आभाचंद्रा श्रीवास्तव कहती हैं कि इस मुश्किल समय में लोगों की सेवा ही देवीपूजन है। उनके परिवार ने इस बार कन्यापूजन की जगह जरूरतमंदों तक भोजन व अन्य सामग्री पहुंचाई जाएगी।

राहतकोष में जाएगा दान: दिलकुशा निवासी डॉ. प्रीति वर्मा ने बताया कि वह कन्यापूजन की जगह इस बार प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करेंगी। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि इस कठिन समय में आसपास कोई भूखा न सोए। इस सोच से देवी भी प्रसन्न होंगी।

जीवसेवा को बनाया ध्येय

गोमतीनगर निवासी राखी किशोर ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सड़क पर तमाम जानवर भूखे-प्यासे घूम रहे हैं और इन्हें भी मदद की जरूरत है। वह कहती हैं कि यह मातारानी का इशारा है कि इस बार नवरात्र के 9 दिन इन सभी की सेवा में गुजरे हैं। उनका मानना है कि कन्यापूजन की जगह अगर जानवरों और जरूरतमंदों की सेवा की जाए तो यही असली पूजन होगा।

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