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रिटायर्ड फौजी का गला दबाते शहर कोतवाल का फोटो वायरल।

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रिटायर्ड फौजी का गला दबाते शहर कोतवाल का फोटो वायरल

रायबरेली:  अपनी मनमानी कार्यशैली को लेकर आए दिन चर्चा में रहने वाले शहर कोतवाल राजेश सिंह का अब एक नया कारनामा सामने आया है। जिसमें वह एक रिटायर्ड फौजी का गला दबाते हुए कैमरे में कैद हुए हैं। यह पूरा मामला एक जमीन के विवाद से जुड़ा हुआ है। जिसमें न्यायालय के आदेश पर अमल कराने के लिए प्रशासन की टीम विवादित स्थल पर पहुंची थी। जहां यह पूरा घटनाक्रम हुआ।

इस संबंध में सीओ सिटी ने एक बयान जारी कर पुलिस की तरफ से सफाई पेश की है। जिसमें उन्होंने बताया है कि विपिन यादव की तरफ से प्रशासन की टीम पर हमला किया जा रहा था। इसी को काबू में करने के लिए पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग करते हुए यह कार्रवाई की है।

जानकारी के अनुसार विवादित भूखंड सिविल लाइन पर स्थित है। जिस पर बैनामे के अनुसार विपिन यादव का पहले से कब्जा था। आरोप है कि इसी भूखंड पर दल बहादुर सिंह अपनी दावेदारी पेश करते हुए कब्जे का दबाव बनाने लगे। इसके बाद सिविल कोर्ट ने वाद संख्या 2870/2022 के माध्यम से बृजेंद्र कुमार यादव के पक्ष में यथा स्थिति बनाए रखने का स्टे जारी किया था। तब से यह जमीन विपिन के कब्जे में रही।

पीड़ित पक्ष का कहना है कि कुछ दिन के बाद विपक्षी ने पुलिस से मिलीभगत करके जमीन को विवादित बताते हुए 145/146 के अंतर्गत इसको सीज करवा दिया। इस आदेश के खिलाफ विपिन यादव फिर से सिविल कोर्ट गए। उन्होंने नगर मजिस्ट्रेट के आदेश को चैलेंज किया। जिस पर सिविल कोर्ट ने फैसले को नियम विरुद्ध बताते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को फिर से सुनवाई का आदेश दिया था।

सिविल कोर्ट के आदेश पर नगर मजिस्ट्रेट के यहां इस पर पुनः सुनवाई चली और नगर मजिस्ट्रेट ने प्रॉपर्टी सीज वाले अपने आदेश को खारिज करते हुए सिविल कोर्ट का 2022 वाला आदेश बहाल कर दिया। जिसमें विपिन यादव के कब्जे में किसी तरह का हस्तक्षेप न करने का आदेश दिया गया था।

5 मार्च 2025 को नगर मजिस्ट्रेट कोर्ट का आदेश आने के बाद कायदे से सीज प्रॉपर्टी खुलनी चाहिए और उस पर विपिन यादव को कब्जा मिलना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आरोप है कि बुधवार के दिन सत्ता पक्ष के दबाव में आकर पुलिस और प्रशासन के लोग विवादित प्लैस पर विपक्षी को कब्जा दिलाने पहुंचे थे। जहां विपिन यादव पक्ष की तरफ से कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध किया गया। इसी बात को लेकर वाद विवाद की स्थिति पैदा हो गई और शहर कोतवाल पर रिटायर्ड फौजी के साथ बदसुलूकी करते हुए उसका गला दबाने का आरोप लगा है। इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसे लेकर रायबरेली पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है और लोग सत्ता के दबाव में नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए शहर कोतवाल की आलोचना कर रहे हैं।

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