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कौन हैं कतर के अमीर शेख, रिसीव करने गए PM मोदी!

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Tamim bin Hamad Al Thani Amir of Qatar in India:भारत और कतर के संबंधों को और मजबूत करने के लिए कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (Tamim bin Hamad Al Thani) दो दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं।

 

 

उनका यह दौरा 17-18 फरवरी 2025 तक जारी रहेगा। खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए खुद एयरपोर्ट पर जाकर कतर के अमीर का स्वागत किया, जिससे इस दौरे की अहमियत और भी बढ़ गई है। (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जाकर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी का स्वागत किया। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं। अल-थानी मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी खुद उनकी अगवानी करने दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे। ऐसा बहुत कम मौकों पर होता है, जब पीएम मोदी किसी मेहमान के स्वागत के लिए एयरपोर्ट जाते हैं। आखिर अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी हैं कौन?

उन्हें 2003 में क्राउन प्रिंस नियुक्त किया गया। इसके बाद 2009 में उन्हें सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ का पद मिला। तमीम खेलों में गहरी रुचि रखते हैं। 2006 में कतर में आयोजित एशियन गेम्स के सफल आयोजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस आयोजन ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी नेतृत्व क्षमता का एक और उदाहरण 2022 FIFA वर्ल्ड कप का कतर में सफल आयोजन रहा।उन्होंने तीन शादियां की हैं और उनके 13 बच्चे हैं। उनके शासनकाल में कतर ने खेल और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन साथ ही क्षेत्रीय राजनीति में भी कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कतर के आर्थिक और राजनीतिक भविष्य के लिए तमीम की नेतृत्व क्षमता महत्वपूर्ण होगी। वर्तमान समय में कतर की विदेश नीति और क्षेत्रीय संबंधों को समझने के लिए तमीम बिन अल-थानी के व्यक्तित्व और नीतियों को समझना जरूरी हैयह शक्ति परिवर्तन अपेक्षित था, लेकिन उस समय अरब देशों के नेताओं द्वारा जीवन भर पद पर बने रहने की परंपरा के विपरीत था। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव था। तमीम के शासनकाल की शुरुआत में ही कुछ पड़ोसी देशों के साथ कतर के रिश्तों में खटास आ गई। 2014 में कुछ पड़ोसी देशों ने कतर से अपने राजदूत वापस बुला लिए। स्थिति तब और बिगड़ गई जब 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए और आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए।

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