राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सीएम व अपर मुख्य सचिव गृह को लिखा पत्र
लखनऊ : राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच ने लखनऊ में कमिश्नरी प्रणाली समाप्त करने की मांग की है। मंच का कहना है, कि कमिश्नरी प्रणाली जिस उद्देश्य से लागू किया गया था। उसको उत्तर प्रदेश के कुछ पुलिस अधिकारी व कर्मचारी नेस्तनाबूत करना चाहते हैं। जिसका परिणाम संभ्रांत व आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस संबन्ध में युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह व एडवोकेट जितेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को पत्र लिखा है।
युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया, कि पत्र में उत्तर प्रदेश में शांति एवं कानून व्यवस्था व पुलिस का इकबाल बनाए रखने के लिए ऐसे भ्रष्ट एवं तानाशाह पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करते हुए लोकहित में संदेश देने एवं पुलिस कमिश्नरी प्रणाली को फेल मानते हुए इस व्यवस्था को समाप्त करने की संस्तुति की मांग की गई है। पत्र में अवगत कराया गया है।कि पुलिस सिर्फ कोविड-19 को अवसर मानते हुए खुलेआम वसूली व शोषण से आम जनता का उत्पीडऩ कर रही है। जिससे अपराध बढऩे की प्रबल संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। लिहाजा कुछ भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की वजह से अच्छे एवं जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर प्रश्न चिन्ह अंकित होता है।
पत्र में आरोप लगाया गया है,कि थाना गुडंबा के टेढ़ीपुलिया चौराहे पर एसआई आरएन सिंह एवं उनके सहयोगियों द्वारा दवा लेने जा रहे एडवोकेट जितेंद्र प्रताप सिंह पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर 5 सौ रूपए का चालान काटा गया। पत्र में कहा गया कि इसी तरह गौतम बुद्ध नगर के बॉटेनिकल गार्डन के सेक्टर-18 के चेक पॉइंट पर एसआई पंकज कुमार व अन्य साथियों द्वारा सारे कागजात उपलब्ध होने के बावजूद 500 की मांग की गई। नहीं देने पर गाड़ी सीज करते हुए गाली गलौज देते हुए धमकी दी गई। इस घटना की फोटो व वीडियोग्राफी साथ में मौजूद शैलेंद्र यादव द्वारा कैद कर लिया गया। अपने को घिरा देखकर कांस्टेबल रतन चौधरी ने गाड़ी छोडऩे के नाम पर मोबाइल में कैद वीडियो फोटो को ही डिलीट कर दिया।
युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह व एडवोकेट जितेन्द्र प्रताप सिंह ने अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश में शांति एवं कानून व्यवस्था एवं पुलिस का इकबाल बनाए रखने के लिए ऐसे भ्रष्ट एवं तानाशाह पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नरी प्रणाली को फेल मानते हुए इस व्यवस्था को समाप्त करने की संस्तुति प्रदान की जाए