
कुशीनगर: कुशीनगर नगर के करमहा चौराहा स्थित मदनी मस्जिद पर हुए प्रशासन की तरफ से हुई कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। बुलडोजर की कार्रवाई के बाद मस्जिद कमेटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका दाखिल किया था। उसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मस्जिद पर आगे से कोई भी तोड़फोड़ की कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
मस्जिद कमेटी के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में यह दलील दी कि जिला प्रशासन ने बैनामे की जमीन पर बनाई गई मस्जिद के कुछ हिस्से को नजूल और पुलिस विभाग की जमीन पर बना होना बताते हुए बुलडोजर लगाकर आनन-फानन में तोड़ दिया गया है। मस्जिद के एक हिस्से को जिस दिन तोड़ा गया उसके एक दिन पहले तक उसे पर न्यायालय की ओर से स्थगन आदेश था।
करीब 20 वर्षों से निर्माणाधीन हाटा की मदनी मस्जिद के एक हिस्से को प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बना होना बताते हुए बीते नौ फरवरी को प्रशासन बुलडोजर लगा कर तोड़वा दिया था। हालांकि, मस्जिद कमेटी की ओर से प्रशासन पर आरोप लगाया गया था कि प्रशासन ने बगैर उन्हें पूर्व सूचना दिए मस्जिद पर बुलडोजर चला दिया। जबकि, प्रशासन की ओर से जारी प्रेस नोट में मस्जिद कमेटी को तीन बार नोटिस देने की बात कही गई थी। इसी मामले को लेकर मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मस्जिद पर आगे से किसी भी तोड़फोड़ की कार्रवाई से रोक लगाते हुए कुशीनगर जिला प्रशासन के अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है।